केंद्र सरकार ने दालों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद को सुनिश्चित करने के लिए एक अहम पहल शुरू की है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचाया जा सके और देश की आयात निर्भरता को कम किया जा सके। यह प्रयास विशेष रूप से तुअर, मसूर और उड़द जैसी दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
सरकार की इस मुहिम के तहत दो प्रमुख एजेंसियों - नेफेड और एनसीसीएफ ने क्रमशः 38 लाख और 26 लाख किसानों का पंजीकरण किया है। यह पहल पिछले खरीफ सीजन से पहले शुरू हुई थी और अब इसका दायरा तेजी से बढ़ाया जा रहा है। इसका उद्देश्य किसानों को इनपुट सहायता देना और एमएसपी पर उनकी फसल की सुनिश्चित खरीद करना है।
दालों और मक्का की खरीद से पहले किसानों को आधार सत्यापन के साथ ई-समृद्धि (नेफेड) और ई-संयुक्ति (एनसीसीएफ) पोर्टल पर प्री-रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है। सरकार ने कृषि मंत्रालय की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत तुअर, उड़द और मसूर की 100% किस्मों की खरीद सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है। पहले की 25% खरीद सीमा को 2023-24 और 2024-25 के लिए हटा दिया गया है।
ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा: एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक श्री अनीस जोसेफ चंद्रा के अनुसार, किसानों को और अधिक सुविधा देने के लिए ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था भी की जा रही है। अब तक मक्का खरीद के लिए 29 राज्यों के 13 लाख और दालों के लिए 16 लाख किसानों का पंजीकरण हो चुका है। सहकारी समितियां मक्का के वितरण का कार्य भी कर रही हैं।
गैर-परंपरागत राज्यों पर विशेष फोकस: यह पहल विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार जैसे गैर-परंपरागत दलहन, तिलहन और मक्का उत्पादक राज्यों पर केंद्रित है। इन राज्यों में किसानों को गुणवत्ता युक्त बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उपज एमएसपी खरीद मानकों को पूरा करे।
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