मध्यप्रदेश के शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को नई दिशा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने "दीनदयाल जन-आजीविका योजना (शहरी)" की शुरुआत की है। प्रारंभिक चरण में इस योजना को भोपाल, इंदौर और उज्जैन जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया है।
यह योजना केंद्र सरकार के शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा 1 अक्टूबर 2024 से देशभर में लागू की गई है। इससे पूर्व स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना को समाप्त कर 23 सितंबर 2013 को दीनदयाल अन्त्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की शुरुआत की गई थी, जो 30 सितंबर 2024 तक संचालित रही।
शहरी आजीविका मिशन से महिलाओं को मिला लाभ
सितंबर 2013 से सितंबर 2024 तक, मध्यप्रदेश में DAY-NULM के तहत 65,599 महिला स्व-सहायता समूह (SHG), 2,309 एरिया लेवल फेडरेशन और 106 सिटी लेवल फेडरेशन का गठन किया गया। इन संगठनों के माध्यम से 6.5 लाख से अधिक शहरी महिलाएं सशक्त हुईं।
स्वरोजगार को मिली आर्थिक संबल
DAY-NULM के तहत, लगभग 30,000 महिलाओं को 253 करोड़ रुपये का ऋण बैंकों से दिलाया गया, जिससे वे सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला रही हैं। वहीं, पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले चरण में 346 करोड़ रुपये, और दूसरे चरण में 1.30 लाख महिलाओं को 260 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया।
प्रशिक्षण से बढ़ी आत्मनिर्भरता की राह
महिलाओं को विभिन्न कौशलों में दक्ष बनाने के लिए अमृत 2.0 और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयासों से उन्हें "अमृत मित्र" के रूप में प्रशिक्षण दिया गया है। यह पहल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हो रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम समाज में स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।