केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' 29 मई 2025 से देशभर में शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का शुभारंभ ओडिशा के पवित्र नगर पुरी से किया जाएगा, जहां केंद्रीय मंत्री स्वयं उपस्थित रहेंगे। यह 15 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान 12 जून 2025 तक चलेगा, जिसमें श्री चौहान लगभग 20 राज्यों का दौरा कर किसानों, वैज्ञानिकों और कृषि विशेषज्ञों से सीधे संवाद करेंगे।
अभियान का उद्देश्य: ‘लैब से लैंड’ और ‘विकसित भारत-2047’
यह अभियान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “लैब से लैंड” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसका उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ना, कृषि क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देना और विकसित भारत-2047 के लक्ष्य की ओर अग्रसर होना है।
65,000 गांवों में पहुंचेगी 2,170 टीमें
इस अभियान के अंतर्गत कुल 2,170 टीमें देश के 700 से अधिक जिलों, 65,000 गांवों और लगभग 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंच बनाएंगी। इन टीमों द्वारा किसानों को खरीफ फसलों के लिए उपयुक्त तकनीकों, सरकारी योजनाओं की जानकारी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड का उपयोग, और संतुलित उर्वरक प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जाएगा।
20 राज्यों में मंत्री का व्यापक दौरा
अभियान की शुरुआत के बाद केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जम्मू, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, असम, मेघालय, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ सहित लगभग 20 राज्यों की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे किसानों, वैज्ञानिकों और कृषि विभागों के अधिकारियों से संवाद स्थापित करेंगे।
देशभर की कृषि संस्थाएं होंगी शामिल
अभियान का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से किया जा रहा है। इसमें देश के सभी 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), 113 ICAR संस्थान, तथा राज्य कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य विभागों के अधिकारी, प्रगतिशील किसान और अन्य कृषि हितधारक भाग लेंगे।
नवाचारों की पहचान और अनुसंधान को दिशा
इस अभियान के दौरान वैज्ञानिक टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर किसानों से सीधे संवाद करेंगी, उनकी समस्याओं को सुनेंगी और स्थानीय नवाचारों को समझने का प्रयास करेंगी। इससे कृषि अनुसंधान को जमीनी आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने में मदद मिलेगी और स्थायी व समृद्ध खेती को बढ़ावा मिलेगा।