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अक्टूबर में सीहोर में होगा राज्य स्तरीय समागम: मप्र में बन रहे तीन फूड पार्क और कामधेनु योजना से किसानों को लाभ

मप्र में बन रहे तीन फूड पार्क और कामधेनु योजना से किसानों को लाभ
मप्र में बन रहे तीन फूड पार्क और कामधेनु योजना से किसानों को लाभ

सोमवार को नरसिंहपुर में ‘कृषि-उद्योग समागम 2025’ का शुभारंभ किया गया इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में बताया कि कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और मंडला में फूड प्रोसेसिंग पार्क विकसित किए जा रहे हैं। साथ ही, राज्य स्तरीय कृषि उद्योग समागम आगामी 12 से 14 अक्टूबर तक सीहोर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने वाले और नवाचार अपनाने वाले किसानों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, 116 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 86 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन भी किया गया।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने वाले किसानों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, 116 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 86 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया गया। समागम स्थल पर नई कृषि तकनीकों पर आधारित प्रदर्शनी और विभागीय स्टॉल्स का भी उद्घाटन हुआ।

फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने प्रदेश में बन रहे आधुनिक फूड पार्क Modern Food Parks to Promote Food Processing Sector: 

डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए फूड प्रोसेसिंग को प्राथमिकता दे रही है। नरसिंहपुर में 102 हेक्टेयर में फूड पार्क विकसित किया जा रहा है। इसी तरह छिंदवाड़ा के बोरगांव और मंडला के मनेरी में 40 इकाइयों वाले फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे, इससे किसानों को कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन और विपणन की सुविधाएं मिलेंगी। जीआईएस: 2025 में 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 22 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

कामधेनु योजना से किसानों को मिलेगा लाभ
प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को गति देने के लिए "डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना" शुरू की गई है। इसके अंतर्गत किसान 25 से 200 गाय या भैंस पाल सकते हैं, जिस पर सरकार 25 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का राष्ट्रीय दुग्ध उत्पादन में योगदान 9 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो।

कृषि से उद्योग और बाजार तक बढ़ा किसानों का दायरा
उपराष्ट्रपति ने बताया कि देश के 10 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है, जिसके तहत अब तक 3.46 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे ट्रांसफर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कृषि अब केवल परंपरागत खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और बाजार से जुड़ गया है। मध्यप्रदेश को दुग्ध, फल और सब्जी उत्पादन में देश का नेतृत्व करना चाहिए।

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