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किसानों को नैनो उर्वरकों के उपयोग की सलाह, फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में होगा इजाफा

नैनो डीएपी
नैनो डीएपी

किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने किसानों को नैनो उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी है। नैनो उर्वरकों का फसलों पर छिड़काव करने से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इनका प्रयोग फसल की महत्वपूर्ण अवस्थाओं में एक या दो बार करने से पारंपरिक उर्वरकों की खपत में 50% तक की कमी संभव है। वर्तमान में बाजार में कई कंपनियों के नैनो उर्वरक उपलब्ध हैं, जिनका किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

85% उपयोग दक्षता वाला नैनो यूरिया प्लस, किसानों के लिए वरदान:

नैनो यूरिया प्लस पूरी तरह सुरक्षित और हानिरहित है, इसमें 20% नाइट्रोजन होता है और इसकी उपयोग दक्षता 85% से अधिक है। एक बोतल नैनो यूरिया प्लस एक बोरी पारंपरिक यूरिया के बराबर होती है। इससे उत्पादन, उत्पाद की गुणवत्ता और किसानों की आय में वृद्धि होती है। यह परिवहन और भंडारण में आसान और किफायती भी है। नैनो यूरिया प्लस का 2 से 3 बार छिड़काव करना चाहिए। इससे वायु, जल और मृदा प्रदूषण में कमी आती है। अनाज, दलहन, तिलहन एवं गन्ना जैसी फसलों में इसका उपयोग अंकुरण के 35-40, 55-60 और आवश्यकता अनुसार 100-110 दिन बाद किया जाना चाहिए।

नैनो डीएपी से बढ़ेगी फसल की पैदावार:

नैनो डीएपी में 8% नाइट्रोजन और 16% फास्फोरस होता है। इसकी एक बोतल पारंपरिक डीएपी की एक बोरी के बराबर होती है। इसके कण 100 नैनोमीटर से छोटे होते हैं, जो पत्तियों के छिद्रों से आसानी से पौधे में प्रवेश कर जाते हैं। इससे बीज की ऊर्जाशक्ति बढ़ती है, क्लोरोफिल अधिक बनता है, प्रकाश संश्लेषण बेहतर होता है और उपज व गुणवत्ता में वृद्धि होती है। इसकी दक्षता 90% से अधिक है और यह सस्ता व पर्यावरण हितैषी है।

फसल की बेहतर उपज के लिए नैनो डीएपी का सही प्रयोग:

  1. 5 मिली नैनो डीएपी प्रति किलोग्राम बीज
  2. अंडाकंद के लिए: 5 मि.ली./लीटर पानी में घोल बनाकर 20-30 मिनट डुबोकर छांव में सुखाएं
  3. फसल के कल्ले या शाखा बनने की अवस्था में 4 मि.ली./लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें
  4. अधिक फास्फोरस वाली फसलों में फूल आने से पहले एक अतिरिक्त छिड़काव करें

नैनो कॉपर: रोग प्रतिरोधक और गुणवत्ता वर्धक: डॉ. निगम ने बताया कि नैनो कॉपर एक चिलेटेड उत्पाद है, जो पौधों में क्लोरोफिल की मात्रा और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह 1-2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है या ड्रिप सिंचाई के माध्यम से भी उपयोग किया जा सकता है। 

नैनो जिंक: पौधों की वृद्धि और दाना पकने में सहायक, नैनो जिंक पौधों में प्रोटीन व न्यूक्लिक अम्ल निर्माण, हार्मोन निर्माण और दाना पकने की प्रक्रिया में सहायक होता है। यह 1 मि.ली. प्रति लीटर साफ पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें। यह ड्रिप सिंचाई में भी उपयोगी है।

नैनो उर्वरकों का सुरक्षित और प्रभावी उपयोग: डॉ. निगम ने किसानों को स्प्रे करते समय प्लेट फैन या कट नोजल का उपयोग करने की सलाह दी है। नैनो उर्वरकों को ठंडे और सूखे स्थान पर रखें। छिड़काव सुबह या शाम को करें, जब पत्तियों पर ओस न हो। निर्माण तिथि से 12 माह के भीतर ही उपयोग करें। यदि छिड़काव के 12 घंटे के भीतर वर्षा हो जाए, तो दोबारा छिड़काव करें।

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