यदि आप कम समय में अधिक मुनाफा कमाने की सोच रहे हैं तो ककड़ी की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। खासकर ककड़ी की "जौनपुरी किस्म" की बात करें तो यह उत्तर भारत में काफी लोकप्रिय है और बाजार में इसकी जबरदस्त मांग रहती है। यह किस्म कीटों और बीमारियों के प्रति अधिक सहनशील होती है और अच्छी पैदावार देती है। इसके फल मध्यम आकार के और हल्के हरे रंग के होते हैं।
ककड़ी की खेती में अधिक मुनाफा तभी संभव है जब आप उन्नत किस्म का चयन करें। जौनपुरी किस्म एक प्रसिद्ध और बेहतर उपज देने वाली किस्म है, जिसे विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में व्यापक रूप से उगाया जाता है। यह किस्म जल्दी पकने वाली और रोग प्रतिरोधक क्षमता से भरपूर होती है।
जौनपुरी किस्म की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। फसल की अच्छी वृद्धि के लिए 24 से 34 डिग्री सेल्सियस का तापमान आदर्श होता है।
बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें और पर्याप्त मात्रा में गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाएं। बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 12 से 15 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीजों को 1 से 2 इंच की गहराई में बुवाई करें। सामान्यत: यह फसल 70 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है।
जौनपुरी किस्म की ककड़ी की खेती से एक हेक्टेयर में लगभग 150 से 180 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। यदि आप इसकी सही तरीके से देखभाल करें तो लाखों रुपए तक की आमदनी संभव है। यह किस्म न केवल पैदावार में श्रेष्ठ है बल्कि बाजार में इसके अच्छे दाम भी मिलते हैं, जिससे किसानों को सीधा फायदा होता है।
गर्मियों में ककड़ी खाने के जबरदस्त फायदे: गर्मियों में ककड़ी को सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। यही वजह है कि यह सब्जी गर्मी के मौसम में खानपान का अहम हिस्सा बन जाती है। ककड़ी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में सहायक होती है। इसमें कैलोरी बहुत कम होती है और यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराती है, जिससे अधिक खाने से बचा जा सकता है। ककड़ी एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं और कई गंभीर बीमारियों से बचाने में सहायक होते हैं।
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