कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नागपुर में महाराष्ट्र की कृषि और ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक में भाग लिया। यह बैठक राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग योजना ब्यूरो अमरावती रोड स्थित सभागार में आयोजित की गई, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों की जलवायु परिस्थितियों के अनुसार फसल किस्मों का विकास किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक किसान को किसान आईडी उपलब्ध कराई जाए और भविष्य में बिना आईडी किसी को भी कृषि योजनाओं का लाभ न दिया जाए।
कृषि मंत्री श्री चौहान ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में महाराष्ट्र को केंद्र सरकार की योजनाओं और पहलों में पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कपास की अधिक जलवायु-उपयुक्त किस्में विकसित की जानी चाहिए, विशेषकर कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए उच्च उपज देने वाली किस्मों का विकास जरूरी है। इसके साथ ही राज्य के लिए एक श्रेष्ठ फसल मॉडल तैयार करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे, ग्रामीण विकास मंत्री जयकुमार गोरे, वित्त राज्य मंत्री अशिष जयस्वाल, कृषि विभाग के प्रधान सचिव विकास राठौड़, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले सहित केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। कृषि प्रधान सचिव विकास राठौड़ ने एक प्रस्तुति के माध्यम से महाराष्ट्र की जलवायु, वर्षा, कृषि चुनौतियों, खरीफ 2025 की तैयारी, उर्वरक एवं बीज की उपलब्धता, विकसित कृषि संकल्प अभियान, एग्रीस्टैक अभियान और आगामी योजनाओं की जानकारी साझा की।
बैठक के दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों से किसानों द्वारा अपनाई गई सफल पहलों की जानकारी भी साझा की गई। केंद्रीय मंत्री ने संभाजीनगर के तापरगांव के रावसाहेब मोहिते, बीड के रुई (धानोरा) के एकनाथ टालेकर (रेशम उत्पादन), और यवतमाल के जावला की वंदना राठौड़ (ऑर्किड खेती) जैसी कहानियों को देशभर में साझा करने का आह्वान किया।
केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा: बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री जनमन योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्व-सहायता समूह कार्यक्रमों और मनरेगा जैसी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। मनरेगा के लक्ष्य पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार की सराहना की।
एक करोड़ 'लखपति दीदी' तैयार करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी दी कि 'माझी लाडकी बहिन योजना' के तहत ₹1500 की मासिक सहायता मिलने से महिलाओं को स्वरोजगार और घरेलू आवश्यकताओं में सहयोग मिला है। इसके साथ ही राज्य सरकार की 'लखपति दीदी' योजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में एक करोड़ लखपति दीदी तैयार की जाएं।
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