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देश को मिले अत्याधुनिक बीज प्रसंस्करण संयंत्र, किसानों के लिए लॉन्च हुआ ‘सीड मैनेजमेंट 2.0’ प्लेटफॉर्म

सीड मैनेजमेंट 2.0
सीड मैनेजमेंट 2.0

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित नेशनल सीड्स कॉरपोरेशन (NSC) के अत्याधुनिक सब्जी और पुष्प बीज प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने बरेली, धारवाड़, हसन, सूरतगढ़ और रायचूर में स्थापित पाँच अन्य बीज प्रसंस्करण संयंत्रों का वर्चुअल उद्घाटन भी किया।

किसानों के लिए लॉन्च हुआ ‘सीड मैनेजमेंट 2.0’ और ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म:

कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्री चौहान ने किसानों के लिए ‘सीड मैनेजमेंट 2.0’ प्रणाली और ऑनलाइन बीज बुकिंग प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अब किसान अपनी बीज आवश्यकताओं की ऑनलाइन बुकिंग कर सकेंगे, जिससे पारदर्शिता और उपलब्धता दोनों सुनिश्चित होंगी। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बीजों की पहुँच छोटे और सीमांत किसानों तक होनी चाहिए, क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले बीज ही कृषि उत्पादन में वृद्धि की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

उच्च तकनीक से सुसज्जित संयंत्र से किसानों को मिलेगी गुणवत्तापूर्ण बीज आपूर्ति:

नई दिल्ली स्थित पुसा परिसर के बीज भवन में स्थापित सब्जी बीज प्रसंस्करण संयंत्र की क्षमता प्रति घंटे 1 टन है, जबकि अन्य पाँच संयंत्रों की क्षमता 4 टन प्रति घंटे है। ये सभी संयंत्र आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं, जो देशभर के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे और बीज उत्पादन मानकों को सशक्त बनाएंगे।

श्री चौहान ने कहा कि ये नई सुविधाएँ किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीजों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी और कृषि उत्पादकता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगी। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के दौरान सबसे अधिक शिकायतें नकली और निम्न गुणवत्ता वाले बीजों से जुड़ी थीं। इसलिए, गुणवत्तापूर्ण बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करना अत्यावश्यक है और इसमें NSC की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, “NSC का कार्य केवल आजीविका अर्जित करना नहीं है, बल्कि राष्ट्र के अन्न भंडार को भरना है। गुणवत्तापूर्ण बीजों की आपूर्ति से ही किसान सशक्त होंगे और देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी।”

स्थानीय भाषा और नवाचार पर जोर: श्री चौहान ने NSC को सुझाव दिया कि वह क्षेत्रीय भाषाओं में नवाचार करे ताकि अधिक से अधिक किसान इन सेवाओं का लाभ उठा सकें और निजी कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा,
“निजी क्षेत्र की अपनी भूमिका है, परंतु सार्वजनिक संस्थानों का महत्व अलग है। राज्य बीज विकास निगमों के कामकाज में भी सुधार की आवश्यकता है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए NSC को स्पष्ट रोडमैप के साथ आगे बढ़ना चाहिए।”
 

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