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MP कैबिनेट ने सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना, कोदो-कुटकी की सरकारी खरीद और पेंशनरों की महंगाई राहत में 2% वृद्धि को मंज़ूरी दी

कोदो-कुटकी
कोदो-कुटकी

कोदो-कुटकी की पहली बार खरीदी, सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना की मिली स्वीकृति, "RAMP" योजना के क्रियान्वयन, रेशम समृद्धि योजना की स्वीकृति और पेंशनरों को महंगाई राहत दर में वृद्धि के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

कोदो-कुटकी की पहली बार उपार्जन का निर्णय:

मंत्रि-परिषद ने प्रमुख कोदो-कुटकी उत्पादक जिलों के किसानों से पहली बार कोदो-कुटकी की खरीदी करने का निर्णय लिया है, जिससे बड़ी संख्या में जनजातीय कृषकों को लाभ मिलेगा। यह उपार्जन रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना के तहत जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनुपपुर, उमरिया, रीवा, सीधी और सिंगरौली जिलों में किया जाएगा। अन्य जिलों में मांग आने पर वहां के किसानों से भी उपार्जन पर विचार होगा।

श्रीअन्न फेडरेशन (Shri Ann Consortium of Farmer Producer Company Ltd.) द्वारा खरीफ 2025 में उत्पादित श्रीअन्न का उपार्जन किया जाएगा।

  1. कुटकी ₹3,500 प्रति क्विंटल
  2. कोदो ₹2,500 प्रति क्विंटल

कुल लगभग 30,000 मीट्रिक टन उपार्जन का लक्ष्य तय किया गया है।

इसके लिए श्रीअन्न फेडरेशन को ₹80 करोड़ का ब्याज-मुक्त ऋण राज्य के मूल्य स्थिरीकरण कोष से दिया जाएगा।
इसके अलावा किसानों को ₹1,000 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि डीबीटी (DBT) के माध्यम से सीधे उनके खातों में दी जाएगी।

सोयाबीन किसानों के लिए भावांतर योजना को मंजूरी:

मंत्रि-परिषद ने खरीफ वर्ष 2025 के लिए सोयाबीन उत्पादक किसानों को लाभान्वित करने हेतु भारत सरकार की “Price Deficit Payment Scheme” को राज्य में भावांतर योजना के रूप में लागू करने की मंजूरी दी।
इस योजना के तहत 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक राज्य की अधिसूचित मंडियों में सोयाबीन का विक्रय किया जाएगा।
14 दिनों के औसत विक्रय मूल्य के आधार पर मॉडल रेट निर्धारित किया जाएगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5,238 से मूल्य अंतर की राशि किसानों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से जमा की जाएगी।

‘रेशम समृद्धि योजना’ को सैद्धांतिक स्वीकृति:

राज्य में रेशम उत्पादन को प्रोत्साहन देने हेतु मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार की “सिल्क समग्र-2” योजना को 25% राज्यांश के साथ “रेशम समृद्धि योजना” के रूप में लागू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की।
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को रेशम उत्पादन से संबंधित 23 गतिविधियों में सहायता मिलेगी।

  1. सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को 75% अनुदान,
  2. अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को 90% अनुदान मिलेगा।

इकाई लागत ₹5 लाख तय की गई है:

  1. सामान्य वर्ग के लिए: केंद्रांश ₹2.50 लाख, राज्यांश ₹1.25 लाख, हितग्राही अंश ₹1.25 लाख।
  2. अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लिए: केंद्रांश ₹3.25 लाख, राज्यांश ₹1.25 लाख, हितग्राही अंश ₹0.50 लाख।

यह योजना रेशम किसानों के लिए आय वृद्धि और सतत रोजगार का माध्यम बनेगी।

राज्य में “RAMP” योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति:

मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) की “Raising and Accelerating MSME Performance (RAMP)” योजना को राज्य में लागू करने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी।
इस योजना के तहत राज्य के लिए ₹105.36 करोड़ का बजट स्वीकृत है, जिसमें से ₹31.60 करोड़ (30%) राज्यांश के रूप में प्रदान किए जाएंगे।

पेंशनरों और परिवार पेंशनरों के लिए महंगाई राहत दर में वृद्धि:

राज्य के शासकीय पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को दी जाने वाली महंगाई राहत (Dearness Relief) की दर बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।

अब 1 सितंबर 2025 (भुगतान माह अक्टूबर 2025) से:

  1. सातवें वेतनमान के तहत 53% से बढ़ाकर 55%,
  2. छठवें वेतनमान के तहत 246% से बढ़ाकर 252% किया जाएगा।

इस वृद्धि से राज्य सरकार के कोष पर लगभग ₹170 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। यह निर्णय छत्तीसगढ़ शासन के 25 अगस्त 2025 के पत्र के अनुरूप लिया गया है।
 

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