प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज, 11 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष कृषि कार्यक्रम के दौरान “दालों में आत्मनिर्भरता मिशन (Mission for Aatmanirbharta in Pulses)” की शुरुआत की। इस मिशन का उद्देश्य भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
प्रधानमंत्री ने 11 अक्टूबर का दिन बहुत ही ऐतिहासिक है। मां भारती की दो महान रत्नों की जन्मतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 2 बडी परियोजनाओं का शुभारंभ किया।
1. पीएम कृषि धन-धान्य योजना के तहत 42000 हजार करोड का शुभारंभ किया।
2. दलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भर मिशन का शुभारंभ किया। इस योजना पर सरकार ने 35 हजार करोड से अधिक खर्च करेगी। दालों पर आत्मनिर्भरता बढाकर दलहन मिशन लान्च किया।
पीएम ने कहा कि जीएसटी दरों को कम करके कृषि यंत्रों को सस्ते किये, जिससे किसानों को सहायता मिली। यूरिया, डीएपी खाद्य पर दाम कम किया। क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 1 लाख 62 हजार करोड किसानों के खाते में भेजे गए। फसल बीमा योजना के तहत 2 लाख करोड किसानों के खाते में भेजे गये। पीएम ने कहा 11 वर्षों में कृषि निर्यात दोगुना हो गया है। उन्होंनें कहा कि शहद और अण्डे उत्पादन में दोगुना वृद्धि हुई।
अनाज उत्पादन 900 टन बढ गया, और दूध उत्पादन के क्षेत्र में 63 प्रतिशत वृद्धि के साथ भारत पहले स्थान पर ह। मत्स्य क्षेत्र में अपना देश भारत दूसरे नं. पर है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 3 लाख 75 हजार करोड रूपये किसानों के खाते में भेजे जायेंगे
भारत विश्व का सबसे बड़ा दाल उत्पादक और उपभोक्ता देश है, लेकिन घरेलू मांग पूरी करने के लिए अब भी बड़ी मात्रा में आयात करना पड़ता है। इस स्थिति को बदलने के लिए केंद्र सरकार ने 2025–26 से 2030–31 तक चलने वाला 6 वर्ष का मिशन शुरू किया है, जिसकी कुल वित्तीय लागत ₹11,440 करोड़ रखी गई है।
मुख्य बिंदु:
पीएम धन धान्य कृषि योजना:
इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने “पीएम धन धान्य कृषि योजना” का भी शुभारंभ किया।
इस योजना के तहत ₹24,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसका लक्ष्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है।
योजना के तहत कम उत्पादकता वाले 100 जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां कृषि विकास के लिए लक्षित हस्तक्षेप किए जाएंगे।