कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बिहार दौरे के दौरान पटना में आयोजित रबी कार्यशाला और कृषि परामर्श संवाद में भाग लिया।
कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों, परामर्शदाताओं और किसानों को संबोधित करते हुए श्री चौहान ने कहा, "कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और किसान उसकी आत्मा हैं। किसानों की सेवा करना भगवान की पूजा करने के समान है।"
भारत के कृषि क्षेत्र में हुए बदलावों को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एक समय था जब भारत PL-480 कार्यक्रम के तहत अमेरिका से लाल गेहूं आयात करता था। आज, हमारे अनाज गोदाम गेहूं और चावल से भरे हुए हैं, और भारत खाद्यान्न निर्यात करने की स्थिति में है।" उन्होंने इस सफलता का श्रेय किसानों की अथक मेहनत और कृषि परामर्शदाताओं के महत्वपूर्ण योगदान को दिया।
कृषि परामर्शदाताओं की भूमिका की सराहना करते हुए श्री चौहान ने कहा, "अगर कृषि परामर्शदाता नहीं होते तो शोध प्रयोगशालाओं की उपलब्धियाँ कभी भी जमीनी स्तर तक नहीं पहुँच पातीं। सरकार ने कृषि परामर्शदाताओं की आवश्यकता और उनके महत्व को पहचाना है, और उनके सम्मान और हितों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।"
बिहार में दाल और मक्का उत्पादन की क्षमता को उजागर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "दाल मिशन के तहत भारत दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा, और कृषि परामर्शदाताओं की इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।" उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में अनुमोदित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि का भी जिक्र किया।
कार्यक्रम के दौरान श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' का उद्देश्य कम उत्पादकता वाले जिलों, जिनमें बिहार के कई जिले शामिल हैं, में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है। "इस योजना के तहत ग्यारह विभाग एकजुट होकर और समन्वय से कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम करेंगे," उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री के 'राष्ट्रहित सर्वोपरि' सिद्धांत का उल्लेख करते हुए श्री चौहान ने कहा कि भारत कभी भी अपने किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगा। "आज भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में अपने दृष्टिकोण पर काम कर रहा है," उन्होंने कहा।
बिहार के किसानों की सराहना: बिहार के किसानों की उपलब्धियों की सराहना करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य कई फसलों में अग्रणी बना हुआ है, और आने वाले वर्षों में कृषि भारत की समृद्धि की सबसे मजबूत नींव बनी रहेगी।