मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में छोटे पथ-विक्रेताओं (स्ट्रीट वेंडर्स) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत अब तक 13 लाख 46 हजार से अधिक लाभार्थियों को कुल ₹2,078 करोड़ का ऋण प्रदान किया गया है। राज्य सरकार ने हितग्राहियों को ₹30 करोड़ की ब्याज सब्सिडी भी दी है, जिससे वे अपने व्यवसाय को और सुदृढ़ बना सकें।
केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना का पुनर्गठन करते हुए इसकी अवधि 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दी है। इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। राज्य के उज्जैन, खरगोन और सारणी नगरीय निकायों को सर्वाधिक ऋण वितरण के लिए पुरस्कृत किया गया है। इसके साथ ही, 42 अन्य नगरीय निकायों और बैंक शाखाओं को भी उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।
पथ-विक्रेताओं को योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके, इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा क्षमता निर्माण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। हितग्राहियों को वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता, ई-कॉमर्स, पैकेजिंग, खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता से संबंधित प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है, ताकि वे आधुनिक बाजार प्रणाली से जुड़ सकें।
योजना के अंतर्गत पथ-विक्रेताओं को दी जाने वाली ऋण राशि में भी वृद्धि की गई है। अब उन्हें:
डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए हितग्राहियों को फुटकर लेनदेन पर ₹1,200 और थोक व्यापार पर प्रतिवर्ष अधिकतम ₹400 तक कैशबैक की सुविधा भी दी जा रही है।
पथ-विक्रेताओं की सुरक्षा और सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए नगरीय निकायों द्वारा आईडी प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। इसके साथ ही, उन्हें जन-धन खाता, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम श्रम योगी मानधन योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड, जननी सुरक्षा, श्रमिक कल्याण और पीएम मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं से भी जोड़ा गया है। जो हितग्राही समय पर ऋण किश्त जमा कर रहे हैं, उन्हें क्रेडिट कार्ड सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।