मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन हेतु किसानों का पंजीयन जारी है। अब तक कुल 4,68,946 किसानों ने अपना पंजीकरण कराया है। यह प्रक्रिया 10 अक्टूबर तक जारी रहेगी। पिछले वर्ष इस योजना के तहत 7,84,845 किसानों ने पंजीयन कराया था।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने किसानों से समय पर पंजीयन कराने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उपार्जन प्रक्रिया में किसी भी समस्या से बचने के लिए समय पर पंजीकरण आवश्यक है। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष पंजीयन की व्यवस्था और अधिक सरल एवं सुगम बनाई गई है। इसके लिए प्रदेशभर में 1,255 पंजीयन केन्द्र स्थापित किए गए हैं।
सशुल्क पंजीयन की व्यवस्था:
इसके अलावा सिवनी, मण्डला, शहडोल, सिंगरौली, सीधी, मऊगंज, उमरिया, अनूपपुर, पन्ना, दमोह और नर्मदापुरम सहित कई जिलों के किसानों ने भी बड़ी संख्या में पंजीकरण कराया है।
भावांतर योजना में अब तक 61,970 किसानों ने कराया पंजीयन
प्रदेश सरकार ने सोयाबीन उत्पादक किसानों के हित में भावांतर योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत पंजीयन की प्रक्रिया 3 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ हो चुकी है और यह 17 अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगी। अब तक प्रदेशभर में 61,970 किसानों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
किसानों को मिलेगा उचित मूल्य:
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,328 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। प्रदेश सरकार का कहना है कि जैसे धान और गेहूं पर किसानों को उनके परिश्रम का मूल्य दिलाया गया है, उसी तरह सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी इसका लाभ दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि सोयाबीन किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी और लाभ सीधे किसानों को मिलना चाहिए।
योजना की समयसीमा और प्रक्रिया: