सरसों की बेहतर पैदावार के लिए किसानों के सामने अक्सर एक सवाल खड़ा होता है DAP डालें या SSP? दोनों ही खादें खेत की उर्वरता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन इनकी उपयोगिता, प्रभाव और लाभ अलग-अलग हैं। यह जानना जरूरी है कि किस परिस्थिति में कौन-सी खाद सरसों की फसल के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होती है।
सरसों रबी सीजन की एक प्रमुख तिलहनी फसल है, जिसकी खेती पूरे देश में की जाती है। अच्छी बुवाई, सिंचाई और कीट प्रबंधन के साथ-साथ सही खाद का चयन भी पैदावार को प्रभावित करता है। यदि किसान खाद का चुनाव गलत कर लें, तो इससे फसल की बढ़वार रुक सकती है और उपज में कमी आ सकती है।
DAP में 18% नाइट्रोजन और 46% फॉस्फोरस पाया जाता है। यह पौधों की प्रारंभिक बढ़वार और जड़ों के विकास के लिए अत्यंत उपयोगी होती है।
फायदे:
कमियां:
SSP में 16% फॉस्फोरस, 12% सल्फर और 20% कैल्शियम होता है। यह खाद विशेष रूप से तेल वाली फसलों जैसे सरसों, मूंगफली, तिल आदि के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
फायदे:
कमियां:
कौन सी खाद बेहतर है?
यदि आपकी मिट्टी में सल्फर की कमी है या आप तेल वाली फसलें उगा रहे हैं, तो SSP का प्रयोग अधिक लाभदायक रहेगा। यह न केवल फसल की गुणवत्ता बढ़ाती है, बल्कि मिट्टी के पोषण संतुलन को भी बनाए रखती है।
वहीं, DAP उन किसानों के लिए उपयुक्त है, जो पौधों की शुरुआती ग्रोथ और जड़ों के विकास पर ध्यान देना चाहते हैं।
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