खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा एपीडा ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (TPCI) और बिहार सरकार के सहयोग से 19-20 मई 2025 को पटना, बिहार में इंटरनेशनल बायर-सेलर मीट का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य खाद्य और संबद्ध क्षेत्रों के प्रमुख हितधारकों को एक मंच पर लाकर व्यापार को बढ़ावा देना, निर्यात को सशक्त बनाना और बिहार की कृषि शक्ति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना है।
इस सम्मेलन में 20 देशों के 70 अंतरराष्ट्रीय खरीदार, जिनमें छह प्रमुख वैश्विक रिटेल चेन शामिल हैं, के साथ-साथ 50 घरेलू और 20 संस्थागत खरीदारों ने भाग लिया। दो दिनों में आयोजित 400 से अधिक बी2बी बैठकें बिहार के MSMEs और एफपीओ के लिए नए बाजार खोलने, खरीदी अवसरों को बढ़ावा देने और निर्यात की दिशा में ठोस कदम साबित होंगी।
UAE की लुलु ग्रुप, जापान की सर्जात, UAE की दातार एंड संस, जर्मनी की ग्लोबल फूड्स ट्रेडिंग जैसी कंपनियां बिहार से चावल, मसाले, मखाना और फलों की बड़ी मात्रा में खरीद की संभावनाएं तलाश रही हैं। रॉयल गोल्डन ट्रेडिंग (UAE) और UVR Natural Foods (India) जैसी कंपनियों ने अपने खरीद योजनाओं की घोषणा कर बिहार को एक भरोसेमंद आपूर्ति केंद्र के रूप में मान्यता दी है।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए श्री चिराग पासवान ने कहा, यह केवल एक व्यापारिक सम्मेलन नहीं, बल्कि ग्रामीण समृद्धि का एक नया अध्याय है। उन्होंने कहा कि बिहार का युवा अब नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हर निवेशक को सरकार की पूरी सुविधा और समर्थन मिलेगा।
बिहार की ऐतिहासिक और वर्तमान क्षमता पर बल: मंत्री ने बिहार की ऐतिहासिक विरासत को स्मरण करते हुए कहा, "बिहार, आर्यभट्ट, सीता माता, चाणक्य, महावीर और बुद्ध की भूमि है, जिसने सदा देश को दिशा दी है। अब यही भूमि भारत को वैश्विक खाद्य टोकरी बनाने में अहम भूमिका निभाएगी। वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत बिहार में 10,270 ऋण स्वीकृत किए गए, जिनकी कुल राशि ₹624.42 करोड़ रही, यह देश के किसी भी राज्य के लिए सर्वाधिक है।
नवाचार और ज्ञान केंद्र के रूप में बिहार: मंत्री ने बताया कि बिहार में प्रस्तावित NIFTEM संस्थान नालंदा की प्राचीन गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाते हुए खाद्य प्रसंस्करण में शोध, नवाचार और प्रशिक्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने "वर्ल्ड फूड इंडिया 2025" में सभी हितधारकों को आमंत्रित किया।
मखाना निर्यात रणनीति और निवेश घोषणा: सम्मेलन में “Strategies to Boost India’s Makhana Exports” नामक रिपोर्ट का भी शुभारंभ किया गया, जिससे बिहार के GI टैग वाले मखाने के वैश्विक बाजार में विस्तार को बल मिलेगा। इस अवसर पर 12 कंपनियों ने चावल, दाल, मसाले, फल, सब्जियां और मखाना की खरीद के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता जताई।
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