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मध्यप्रदेश में श्रीअन्न और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: किसानों को मिलेगी सीधी खरीदी, तकनीकी सहायता और नई मंडियां

प्राकृतिक खेती
प्राकृतिक खेती

मध्यप्रदेश सरकार ने कहा है कि प्रदेश में रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाया जाए और किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जाए। सरकार अब किसानों से श्रीअन्न की सीधी खरीदी करेगी। इसके साथ ही तुअर (अरहर) की खेती करने वाले किसानों को अच्छी गुणवत्ता के बीज, उर्वरक और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ताकि उत्पादन में वृद्धि हो सके।

फसलवार मंडियों की स्थापना पर जोर Emphasis on setting up crop wise markets:

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की मंडियों में प्रबंधन को और सुदृढ़ किया जाए। मंडियों का फसलवार मॉडल तैयार किया जाए और नई जरूरतों के अनुसार फल-सब्जी मंडी, मसाला मंडी जैसी विशेष मंडियों की स्थापना के प्रयास हों। उन्होंने सुझाव दिया कि इस कार्य में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा सकती है।

मंडियों को बनाया जाए आदर्श और आत्मनिर्भर:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि उपज मंडियों को आदर्श बनाना आवश्यक है, जहां किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई कठिनाई न हो और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि मंडी शुल्क से मिलने वाली राशि का उपयोग किसानों के कल्याणकारी कार्यों में किया जाए।

श्रीअन्न फसलों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन:

मुख्यमंत्री ने श्रीअन्न फसलों जैसे रागी, कोदो, कुटकी, मक्का, ज्वार और बाजरा की खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों को इन फसलों के लिए उन्नत बीज, कृषि यंत्रों पर अनुदान और अच्छा बाजार मूल्य दिया जाए। आवश्यकता अनुसार अनुदान की राशि भी बढ़ाई जाएगी।

कृषि उद्योग समागम से किसानों को मिल रहा लाभ: मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सभी संभागों में किसान मेले आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र, तकनीक और निवेश के अवसरों की जानकारी दी जा रही है। हाल ही में मंदसौर के सीतामऊ में हुए कृषि उद्योग समागम के अनुभवों के आधार पर भविष्य के आयोजन और बेहतर किए जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि नरवाई जलाने से रोकने, हैप्पी सीडर जैसे कृषि यंत्रों के प्रयोग के लिए किसानों को जागरूक किया जाए और हर ग्राम पंचायत में इन यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

तीन फसलों को जल्द मिलेगा जीआई टैग: बैठक में बताया गया कि डिंडोरी जिले की नागदमन मकुटकी, सिताही कुटकी और बैंगनी अरहर को जल्द ही जीआई टैग मिलने की उम्मीद है। प्रदेश की सभी 259 मंडियों में अब ई-मंडी योजना के अंतर्गत डिजिटल रिकॉर्ड कीपिंग की जा रही है।

नरसिंहपुर में होगा कृषि आधारित उद्योग सम्मेलन: 26 से 28 मई 2025 को नरसिंहपुर में कृषि आधारित उद्योगों पर विशाल सम्मेलन व कृषि मेला आयोजित किया जाएगा। इसमें दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, श्रीअन्न, उद्यानिकी, उन्नत बीज व खाद, आधुनिक कृषि उपकरणों की जानकारी दी जाएगी। किसानों को कृषि स्टार्टअप्स और तकनीकी नवाचारों से भी जोड़ा जाएगा। इसके बाद 8 से 10 जून 2025 तक सतना में भी इसी तरह का कृषि मेला सह कृषक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

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