उत्तर प्रदेश के प्याज उत्पादक किसानों के लिए चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने गर्मी के मौसम में सुरक्षित प्याज भंडारण को लेकर महत्वपूर्ण सलाह जारी की है। कहा कि प्याज की फसल किसानों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकती है, लेकिन यह तभी संभव है जब खुदाई, ग्रेडिंग और भंडारण जैसे कार्य वैज्ञानिक तरीके से किए जाएं।
डॉ. सिंह ने बताया कि प्याज की खुदाई तब करनी चाहिए जब लगभग 50% पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ जाएं और झुकने लगें। खुदाई के बाद, प्याज कंदों पर 2.5 से 3 सेंटीमीटर ऊपर की सूखी पत्तियाँ हटा दी जानी चाहिए। इसके बाद सड़े-गले और रोगग्रस्त कंदों को अलग कर, आकार के आधार पर ग्रेडिंग करना आवश्यक है।
गर्मी के मौसम, खासकर जून और जुलाई, में प्याज की सड़न की संभावना अधिक रहती है। उच्च तापमान और नमी भंडारण के नुकसान को बढ़ा देते हैं। हालांकि, यदि प्याज की उचित ग्रेडिंग, वेंटिलेशन और गुणवत्ता बनाए रखी जाए, तो सड़न को काफी हद तक रोका जा सकता है।
गर्मिंयों में प्याज का सुरक्षित भण्डारण करने के लिये धूप सीधे कंदों पर ना पडे़ और कंदों के ढेर की चैड़ाई 60-70 सेंटीमीटर रखें। छोटे कंदों के ढेर की ऊंचाई 90-100 सेंटीमीटर और बड़े कंदें की 120 सेंटीमीटर तक रखें। प्याज की पैकिंग जालीदार प्लास्टिक के बोरों में करें जिससे वेंटिलेशन बना रहे।
सरकार से मिल रहा है अनुदान: सरकार प्याज भंडारण संरचनाओं के निर्माण पर अनुदान भी दे रही है। 250 क्विंटल की भंडारण क्षमता वाली संरचना पर ₹87,500 का अनुदान दिया जा रहा है। किसान इस अनुदान के लिए जिला उद्यान अधिकारी के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। उन्नत भंडार गृह उठे हुए प्लेटफार्म पर बनाए जाएं ताकि भूमि की नमी से बचा जा सके। छत में टाइल्स या उपयुक्त सामग्री का उपयोग करें और वायु संचार के लिए हवादार संरचना सुनिश्चित करें।
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