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गौ संवर्धन और डेयरी विकास को मिलेगा बढ़ावा, प्रदेश में शुरू होंगी 22 आधुनिक गौशालाएं

गौ संवर्धन और डेयरी उद्योग
गौ संवर्धन और डेयरी उद्योग

रीवा मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा में आयोजित प्रांतीय राजपत्रित पशु चिकित्सक संघ के सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि निराश्रित और बीमार गौवंश की सेवा एवं पुनर्वास आज की एक बड़ी चुनौती है। राज्य सरकार इस दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। आधुनिक गौशालाओं का निर्माण कर बेसहारा गायों को सुरक्षित आश्रय दिया जा रहा है, जिससे खेती की सुरक्षा भी सुनिश्चित हो रही है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में उन्नत गौशालाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जिनमें हजारों निराश्रित गायों को नया जीवन मिलेगा। इस अभियान में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गौमाता की सेवा से ही मानवता का कल्याण संभव है। अगर गौमाता बेसहारा रहेंगी, तो मानव जाति का भविष्य भी संकट में पड़ सकता है।

हिनौती में बनेगी आधुनिक गौशाला, 25 हजार गायों को मिलेगा आश्रय:

श्री शुक्ल ने जानकारी दी कि रीवा स्थित बसामन मामा गौवन्य विहार में 7,000 से अधिक निराश्रित गायों को आश्रय प्रदान किया गया है। शीघ्र ही हिनौती में एक अत्याधुनिक गौशाला की स्थापना की जाएगी, जिसमें लगभग 25,000 गौवंश के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आधुनिक पशुपालन से खेती को मिलेगा नया बल:

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज की आवश्यकता है कि पशुपालन को आधुनिक और व्यवस्थित बनाया जाए। किसानों को इसे अपनाकर खेती को लाभदायक व्यवसाय में बदलना चाहिए। उन्होंने बताया कि गाय केवल दूध के लिए नहीं, बल्कि गोबर और गौमूत्र से भी जैविक खाद, पूजा सामग्री और सीएनजी जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। उन्होंने पशु चिकित्सकों की सराहना करते हुए कहा कि वे बेजुबान पशुओं के लिए भगवान समान हैं, जो बिना कुछ कहे ही उनका इलाज करते हैं।

बाबा साहब अंबेडकर गौ संवर्धन योजना से डेयरी उद्योग को बढ़ावा:

पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्य मंत्री श्री लखन पटेल ने सम्मेलन में बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्राथमिकता में पशुपालन क्षेत्र विशेष स्थान रखता है। इस क्षेत्र को नवाचारों के माध्यम से सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत न्यूनतम 25 दुधारू पशुओं की यूनिट स्थापित की जा रही है, जिन पर अनुदान भी दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 10 लाख लीटर दूध का संग्रहण किया जा रहा है, जिसे बढ़ाकर 50 लाख लीटर प्रतिदिन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही, पशु चिकित्सा अधिकारियों को मेडिकल डॉक्टरों के समान सुविधाएं देने का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया गया है।

गौवंश के लिए अनुदान राशि दोगुनी, बनेगीं तीर्थ स्वरूप गौशालाएं: राज्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 22 स्थानों पर शीघ्र ही आधुनिक गौशालाएं शुरू की जाएंगी। अगले दो वर्षों में सभी बेसहारा गायों को इन गौशालाओं में व्यवस्थित कर दिया जाएगा। इससे सड़कों पर घूमने वाले गौवंश की समस्या समाप्त होगी।

प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. मनोज गौतम ने बताया कि गौशालाओं के लिए दी जाने वाली राशि को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति गौवंश प्रतिदिन कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, आधुनिक डेयरी यूनिट की स्थापना हेतु ऋण एवं अनुदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। इन गौशालाओं को तीर्थ और पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित किया जाएगा।

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