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शुगर मिलों में निवेश को बढ़ावा: कृषि विकास से आत्मनिर्भरता की पहल

शुगर मिलों में निवेश से कृषि विकास को बढ़ावा
शुगर मिलों में निवेश से कृषि विकास को बढ़ावा

मध्यप्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री एवं भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने कहा है कि प्रदेश में कृषि और उद्योग के समन्वय का अनूठा प्रयास राज्य की आर्थिक प्रगति में एक नई क्रांति ला रहा है। यह पहल आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है।

श्री काश्यप राजधानी भोपाल स्थित कोर्टयार्ड बाय मैरियट होटल में आयोजित "मध्यप्रदेश में गन्ना फसल एवं शुगर कारखानों के विकास" विषयक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि भारत की आत्मा है, और जब इसे उद्योग से जोड़ा जाता है, तो किसानों को बेहतर विपणन, तकनीकी सहायता और वित्तीय संसाधन उपलब्ध होते हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।

कृषि और उद्योग के एकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम:

मंत्री काश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 3 मई को मंदसौर में आयोजित कृषि मेले में उद्योगों की सहभागिता सुनिश्चित की गई, जो प्रदेश में कृषि और उद्योग के एकीकरण की दिशा में पहला ऐतिहासिक प्रयास था। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में सिंचित क्षेत्र 7 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 55 से 60 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जिससे राज्य की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है।

शुगर मिलों में निवेश को मिल रहा प्रोत्साहन:

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शुगर मिलों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए भूमि, बिजली और ऋण योजनाओं में विशेष रियायतें प्रदान कर रही है। इसका उद्देश्य किसानों को अधिक लाभ पहुंचाना, बेरोजगारी को कम करना और आर्थिक समृद्धि के नए द्वार खोलना है।

एमएसएमई और कृषि क्षेत्र में सहयोग से समेकित विकास: मंत्री काश्यप ने यह भी स्पष्ट किया कि कृषि और उद्योग का यह समन्वय न केवल किसानों के लिए बल्कि उद्योगपतियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा। यह कदम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में एक सकारात्मक और दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाला प्रयास है। सम्मेलन में एमएसएमई विभाग, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न शुगर फैक्ट्री संचालक, उद्योगपति एवं किसान प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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