मई की शुरुआत से ही देशभर की मंडियों में गेहूं के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था, लेकिन माह के पहले सप्ताह के बाद गेहूं के भाव ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 10 मई तक गेहूं की कीमतों में अचानक आई तेजी के बाद सरकार ने इस पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए आदेश जारी कर दिए हैं।
मंत्री श्री राजपूत ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि गेहूँ उपार्जन के मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। इस वर्ष प्रदेश में अब तक लगभग 77.74 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया है, जो कि गत वर्ष के 48.38 लाख मीट्रिक टन की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि उपार्जित गेहूँ में से 73.51 लाख मीट्रिक टन से अधिक का सुरक्षित भंडारण किया जा चुका है। इसके साथ ही लगभग 17,870 करोड़ रुपये का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसानों को समय से भुगतान मिले।
गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी: गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2425 प्रति क्विंटल तय किया गया था, जिस पर राज्य सरकार द्वारा ₹175 प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस भी दिया गया। इस प्रकार किसानों से गेहूँ की खरीदी ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से की गई।
मध्यप्रदेश सरकार ने फिर शुरू की स्लॉट बुकिंग सुविधा: मध्यप्रदेश सरकार गेहूं की सरकारी खरीदी का लक्ष्य जल्दी पूरा करना चाहती है। इसके लिए राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं विक्रय के लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा पुनः आरंभ कर दी है। अब स्लॉट बुकिंग कराने वाले किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचने का अवसर मिल रहा है।
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