मध्यप्रदेश सरकार ने सोयाबीन किसानों को राहत देने के लिए भावांतर भुगतान योजना के तहत 1,300 रुपये प्रति क्विंटल की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इस योजना का लाभ प्रदेश के लाखों किसानों को मिलेगा और 13 नवंबर 2025 को यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर (DBT) कर दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का पूरा लाभ देकर उनकी आय में स्थिरता सुनिश्चित करना है।
भावांतर योजना 2025 के तहत सोयाबीन बेचने वाले किसानों के लिए 11 नवंबर को 4,056 रुपये प्रति क्विंटल का नया मॉडल रेट घोषित किया गया है। यह दर उन किसानों पर लागू होगी, जिन्होंने अपनी सोयाबीन उपज प्रदेश की मंडियों में विक्रय की है। इसी मॉडल रेट के आधार पर किसानों को दी जाने वाली भावांतर (क्षतिपूर्ति) राशि की गणना की जाएगी।
मॉडल रेट में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो किसानों के लिए राहत भरी खबर है। इससे पहले 7 नवंबर 2025 को सोयाबीन का पहला मॉडल रेट 4,020 रुपये प्रति क्विंटल जारी किया गया था। सिर्फ चार दिनों के अंदर इसमें वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे किसानों को भावांतर भुगतान में अधिक लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि किसानों को 13 नवंबर 2025 को भावांतर राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सुविधा इसलिए शुरू की गई है ताकि किसानों को बाजार मूल्य गिरने पर भी नुकसान न उठाना पड़े।
सबसे ज्यादा आवक गंजबासौदा, देवास, उज्जैन, इंदौर और आगर मंडियों में दर्ज की गई है।
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मॉडल रेट क्या है और कैसे तय होता है?
मॉडल रेट किसी मंडी में फसल के औसत बिक्री मूल्य को दर्शाता है, जो दैनिक आधार पर तय किया जाता है। इसका निर्धारण निम्न आधार पर किया जाता है:
उदाहरण: अगर मॉडल रेट 4,000 रुपये और MSP 5,328 रुपये है, तो किसान को अंतर स्वरूप 1,328 रुपये/क्विंटल का भुगतान किया जा सकता है।
किन किसानों को मिलेगा लाभ?
भावांतर योजना से किसानों को क्या मिलेगा फायदा?
योजना से जुड़ी जरूरी बातें:
किसानों को बड़ी राहत: राज्य सरकार के इस कदम से सोयाबीन उत्पादक किसानों को आर्थिक सुरक्षा, स्थिर आय और बेहतर मूल्य सुनिश्चित होगा। 13 नवंबर को राशि मिलने से प्रदेश के लाखों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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