Wheat Farming: रबी सीजन शुरू होते ही देश के किसान गेहूं की बुवाई में जुट गए हैं। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि अधिक उत्पादन और बेहतर गुणवत्ता के लिए सही समय पर उन्नत और प्रमाणित किस्मों का चयन बेहद जरूरी है। बेहतर किस्में न केवल ज्यादा पैदावार देती हैं, बल्कि कीट-रोग से भी सुरक्षा प्रदान करती हैं, जिससे लागत कम और मुनाफा अधिक होता है।
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR), करनाल ने रबी सत्र 2025-26 के लिए अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों और मिट्टी की बनावट के अनुसार गेहूं की सर्वोत्तम किस्मों की सिफारिश की है। यदि किसान अपने क्षेत्र के अनुसार सही किस्म का चयन करें, तो उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव है।
गेहूं बुवाई का सही समय:
समय पर बुवाई करने से पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और पैदावार अधिक मिलती है।
अगेती बुवाई (Early Sowing) के लिए उपयुक्त किस्में:
NWPZ क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम यूपी, मध्य प्रदेश, गुजरात)
सिंचित क्षेत्र की अनुशंसित किस्में:
CZ क्षेत्र (मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान):
समय पर बुवाई (Timely Sowing) के लिए श्रेष्ठ किस्में:
NWPZ (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिम यूपी) DBW 187, DBW 222, HD 3046, PBW 826 ,PBW 3226, HD 3086, HD 3386, HD 3411 के लिये अधिक दाने वाली रोग प्रतिरोधी उच्च उत्पादन क्षमता किस्में हैं।
NEPZ (बिहार, पूर्वी यूपी, बंगाल, झारखंड):
गर्मी और नमी सहनशील, स्थानीय जलवायु के लिए उपयुक्त
उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ सुझाव:
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