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फसल बीमा क्लेम में धांधली? शिवराज सिंह चौहान ने बीमा कंपनियों को लगाई फटकार, दिए तुरंत जांच के आदेश!

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने फसल बीमा दावों में मिल रही अनियमितताओं पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से जुड़ी शिकायतों की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों से वर्चुअल माध्यम से सीधा संवाद किया और उनकी समस्याएं सुनीं।

किसानों से सीधे जुड़े, कहा किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा:

श्री चौहान ने कहा कि “किसानों को 1 रुपये, 3 रुपये, 5 रुपये या 21 रुपये के दावे मिलना किसानों के साथ खुला मज़ाक है। सरकार इसे किसी भी कीमत पर जारी नहीं रहने देगी।” उन्होंने अधिकारियों और बीमा कंपनियों को कड़ी चेतावनी देते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों के हित में दावे तेजी से और पारदर्शी तरीके से जारी किए जाएं।

सिहोर और महाराष्ट्र के किसानों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई:

मंत्री श्री चौहान ने विशेष रूप से मध्य प्रदेश के सेहोर जिले और महाराष्ट्र के अकोला जिले के किसानों के मामलों को उठाया। उन्होंने बताया कि कुछ किसानों को 0.004806 प्रतिशत हानि दिखाकर मात्र ₹1 का दावा दिया गया है। उन्होंने पूछा, “आख़िर यह किस तरह की नुकसान मूल्यांकन पद्धति है?” उन्होंने सेहोर कलेक्टर को बैठक में वर्चुअली जोड़ा और अधिकारियों से कहा कि “फसल बीमा कोई मज़ाक नहीं है। इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

बीमा कंपनियों और अधिकारियों को सख्त निर्देश:

श्री चौहान ने सभी बीमा कंपनियों और कृषि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि:

  1. सभी दावे एकसाथ और समय पर जारी किए जाएं।
  2. नुकसान का आकलन वैज्ञानिक और सटीक तरीकों से किया जाए।
  3. रिमोट सेंसिंग आधारित आकलन प्रणाली की विश्वसनीयता की भी जांच की जाए।
  4. जिन मामलों में दावे ₹1 या ₹5 जैसे नाममात्र के हैं, उन पर मैदानी जांच कर वास्तविक स्थिति पता लगाई जाए।

राज्यों की देरी पर भी जताई नाराज़गी:

कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ राज्य अपनी हिस्सेदारी की सब्सिडी समय पर जमा नहीं कर रहे हैं, जिससे किसानों को भुगतान में देरी हो रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “राज्यों की लापरवाही से केंद्र सरकार की छवि धूमिल नहीं होनी चाहिए।”
श्री चौहान ने निर्देश दिया कि जो राज्य सब्सिडी भुगतान में देरी करें, उनसे 12% ब्याज वसूला जाए — यह किसानों के हित में केंद्र सरकार का एक बड़ा प्रावधान है।

“प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान है”:

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कवच है। उन्होंने कहा कि “कुछ त्रुटियों के कारण इस योजना की साख को नुकसान हुआ है, लेकिन अब इसे सुधारना हमारी जिम्मेदारी है।

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