कपास उत्पादक किसानों के लिए एक बड़ी डिजिटल पहल शुरू की गई है। अब किसान घर बैठे ही अपनी कपास फसल का ऑनलाइन सत्यापन कर सकते हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत फसल बेचने के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं। इसके लिए हरियाणा सरकार ने “कपास किसान ऐप” लॉन्च किया है, जो एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।
इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कपास उत्पादक किसानों को उनकी उपज का पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य समय पर और पारदर्शी तरीके से मिल सके। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, यह ऐप भारत सरकार के उपक्रम भारतीय कपास निगम लिमिटेड (CCI) द्वारा वर्ष 2025–26 की कपास खरीद के लिए विकसित किया गया है। किसान इस ऐप के जरिए अपनी जानकारी सत्यापित कर नजदीकी खरीद केंद्र पर स्लॉट बुक कर सकते हैं।
किसान “कपास किसान” ऐप को डाउनलोड करने के बाद अपने “मेरी फसल मेरा ब्यौरा (MFMB)” पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल नंबर से ओटीपी (OTP) के माध्यम से लॉगिन कर सकते हैं। ऐप अपने आप किसान की कपास बिजाई भूमि की जानकारी को MFMB पोर्टल के रिकॉर्ड से मिलान कर लेता है। सत्यापन पूरा होने के बाद किसान अपने निकटतम CCI केंद्र पर स्लॉट बुक कर सकते हैं। स्लॉट की बुकिंग के बाद ऐप में फसल बिक्री की तारीख और समय की जानकारी मिल जाएगी, जिससे किसानों को केंद्र पर लंबी लाइनों में लगने की परेशानी नहीं होगी।
कपास किसान ऐप से न केवल किसानों को MSP योजना का लाभ मिलेगा, बल्कि पूरी खरीद प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और डिजिटल हो जाएगी। अब किसान खुद यह सुनिश्चित कर सकेंगे कि उनकी फसल का डेटा सही है और बिक्री की प्रक्रिया का हर चरण रिकॉर्ड हो रहा है। CCI ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को अच्छी तरह सुखाकर ही केंद्र पर लाएं। फसल में नमी की मात्रा 12% से अधिक नहीं होनी चाहिए, ताकि उन्हें उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य मिल सके। निगम केवल उपयुक्त औसत गुणवत्ता (FAQ) वाली कपास की ही खरीद करेगा।
“कपास किसान ऐप” हरियाणा सरकार की एक और पहल है जो किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बना रही है। अब किसानों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सिर्फ मोबाइल के जरिए वे अपनी फसल, भूमि रिकॉर्ड और बिक्री से जुड़ी औपचारिकताएं पूरी कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि इस प्रणाली से भ्रष्टाचार और बिचौलियों की भूमिका कम होगी, जिससे किसानों को सीधा और पूरा लाभ मिलेगा। यह पहल न केवल समय की बचत करेगी बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी।
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