किसानों के हित में मध्यप्रदेश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिए अब बचे हुए किसानों को 6 नवंबर तक पंजीयन का अवसर मिलेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की किसान हितैषी नीतियों और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत की विशेष पहल का परिणाम है।
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि इस संबंध में सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन जिलों में पंजीयन अवधि बढ़ाई गई है — डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, दमोह, सिवनी, मैहर, उमरिया, जबलपुर, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल और पन्ना।
अब इन जिलों में शेष बचे किसानों का पंजीयन निर्धारित नोडल अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाएगा। कई जिलों से यह सुझाव प्राप्त हुए थे कि तकनीकी समस्याओं, समयाभाव या मौसम की बाधाओं के चलते कुछ किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीकरण नहीं करा पाए थे। इन प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया ताकि कोई भी पात्र किसान सरकारी खरीदी से वंचित न रहे।
खाद्य संचालनालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रत्येक पंजीयन केंद्र पर खाद्य, सहकारिता, राजस्व और कृषि विभाग के नोडल अधिकारी की उपस्थिति में ही पंजीयन किया जाएगा। केवल उन्हीं किसानों का पंजीयन होगा जिनके नाम जिला प्रस्तावों में उल्लेखित हैं। सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच के बाद ही पंजीयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सरकार ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि 6 नवंबर तक शेष किसानों का पंजीयन हर हाल में पूर्ण किया जाए।
खाद्य मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार किसानों के हर वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा — “कोई भी किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने से वंचित न रहे, यह हमारी जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य से पंजीयन अवधि बढ़ाई गई है।”
सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और खरीफ उपार्जन व्यवस्था पारदर्शी व सरल बने ताकि किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
खाद्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव हमेशा किसानों को प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानते हैं। उनकी पहल पर राज्य में कृषि आधारित योजनाओं का विस्तार किया गया है — सिंचाई, बीज, खाद, बिजली और फसल बीमा जैसी योजनाओं से किसानों को लगातार राहत दी जा रही है। धान उपार्जन पंजीयन की अवधि बढ़ाने का यह निर्णय उसी सोच का हिस्सा है, जिससे कोई भी किसान समर्थन मूल्य का लाभ पाने से वंचित न रहे।
किसान अब 6 नवंबर तक करा सकेंगे पंजीयन:
सरकार के इस निर्णय से उन किसानों को राहत मिलेगी जो अब तक पंजीयन नहीं करा पाए थे। अब वे अपने निकटतम पंजीयन केंद्रों पर जाकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ 6 नवंबर तक पंजीकरण करा सकते हैं।
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