महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने जून से सितंबर 2025 के बीच हुई प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को 2,540.90 करोड़ रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता मंजूर की है। राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने इस निर्णय की औपचारिक घोषणा की और कहा कि सरकार किसानों को समय पर मदद पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
मंत्री पाटिल ने बताया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी किया है। इसके तहत प्रभावित किसानों को बीज, खाद और अन्य कृषि आवश्यकताओं की खरीद के लिए 1,765.22 करोड़ रुपये का विशेष सहायता पैकेज मंजूर किया गया है। इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा तीन हेक्टेयर प्रति किसान तय की गई है ताकि छोटे और मध्यम किसानों को अधिकतम लाभ मिल सके।
यह राहत पैकेज विशेष रूप से उन किसानों के लिए तैयार किया गया है जिनकी फसलें खरीफ सीजन 2025 में भारी बारिश और बाढ़ से नष्ट हो गईं।
सरकारी रिपोर्टों के अनुसार कई जिलों में फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं और किसानों को गंभीर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।
मंत्री पाटिल ने बताया कि यह योजना पुणे, नासिक और अमरावती डिवीजन से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर स्वीकृत की गई है, ताकि किसान आगामी रबी सीजन के लिए दोबारा खेती शुरू कर सकें और अपनी आजीविका को स्थिर कर सकें।
कर्जमाफी पर निर्णय जून 2026 में राज्य सरकार ने फिलहाल किसानों के लिए कर्जमाफी योजना पर निर्णय को टाल दिया है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार दीर्घकालिक और व्यावहारिक समाधान चाहती है, इसलिए इस विषय पर विचार करने के लिए मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रवीण परदेशी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई है। यह समिति किसानों को कर्ज के बोझ से मुक्त कराने और उनकी आय बढ़ाने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय सुझाएगी। अंतिम निर्णय 30 जून 2026 तक लिया जाएगा।
विपक्ष ने सरकार के इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार केवल घोषणाओं में हजारों करोड़ की बात करती है, जबकि वास्तविक राहत किसानों तक सीमित मात्रा में पहुंच रही है। उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार तुरंत कर्जमाफी की घोषणा करे ताकि किसान नई उम्मीद के साथ रबी सीजन की तैयारी कर सकें।
वहीं दूसरी ओर फडणवीस सरकार ने दावा किया कि राज्य सरकार किसानों के साथ संवेदनशीलता और पारदर्शिता से काम कर रही है। अधिकारियों के अनुसार सहायता राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाएगी और वितरण प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी।
लाखों किसानों को राहत की उम्मीद: राज्य सरकार के इस कदम से लाखों बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है। जहां 1,765 करोड़ रुपये का पैकेज किसानों को फिर से खेती शुरू करने में मदद करेगा, वहीं कर्जमाफी पर अंतिम निर्णय का इंतजार राज्य की राजनीति और किसान समुदाय दोनों के लिए चर्चा का प्रमुख विषय बना रहेगा। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि जून 2026 तक क्या सरकार किसानों की उम्मीदों पर खरी उतर पाएगी या नहीं।
ये भी पढ़ें- यूपी में गन्ने का नया भाव तय, किसानों की जेब में आएंगे करोड़ों