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ओडिशा के किसान होंगे मालामाल! आलू की बंपर खेती के लिए सरकार ने दिया 3 लाख क्विंटल बीज का ऑर्डर

ओडिशा आलू उत्पादन योजना
ओडिशा आलू उत्पादन योजना

ओडिशा सरकार ने इस बार रबी सीजन में आलू उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़ी तैयारी की है। पश्चिम बंगाल से सप्लाई रुकने के बाद अब राज्य ने आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाते हुए स्थानीय स्तर पर आलू उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। सरकार ने 21,750 हेक्टेयर में आलू की खेती करने का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए 3.26 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का ऑर्डर दिया गया है।

खेती के रकबे में दोगुनी बढ़ोतरी:

पिछले वर्ष रबी सीजन में ओडिशा में आलू की खेती का रकबा लगभग 12,374 हेक्टेयर था, जिसे अब बढ़ाकर 21,750 हेक्टेयर किया जा रहा है। पिछली बार राज्य में आलू की भारी कमी देखने को मिली थी, जब पश्चिम बंगाल से सप्लाई बाधित हो गई थी। इस बार ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार ने उत्पादन क्षेत्र और बीज वितरण दोनों पर विशेष जोर दिया है।

बीज वितरण की शुरुआत और व्यवस्था:

कृषि विभाग ने किसानों को आलू के बीज उपलब्ध कराने के लिए ओडिशा राज्य बीज निगम से 3.26 लाख क्विंटल प्रमाणित बीजों का ऑर्डर दिया है। प्रति हेक्टेयर कम से कम 15 क्विंटल बीज की आवश्यकता होगी। बीजों की आपूर्ति 30 अक्टूबर से सभी जिलों में शुरू कर दी गई है, ताकि समय पर बुवाई हो सके।

आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम:

राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के. वी. सिंह देव ने कहा कि किसानों से मिले उत्साहजनक प्रतिक्रिया को देखते हुए आलू की खेती का क्षेत्र बढ़ाया गया है। सरकार ने आलू उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए ₹163.85 करोड़ का बजट स्वीकृत किया है। कृषि विभाग का अनुमान है कि हर हेक्टेयर में औसतन 200 क्विंटल पैदावार के हिसाब से राज्य में करीब चार लाख क्विंटल आलू उत्पादन हो सकता है।

खरीफ सीजन में भी दिखा अच्छा प्रदर्शन:

सिंह देव ने बताया कि पिछले वर्ष खरीफ के दौरान 60,000 क्विंटल और रबी के दौरान एक लाख क्विंटल आलू बीज की सप्लाई की गई थी। खरीफ की खेती मुख्य रूप से कोरापुट, कंधमाल और रायगड़ा जिलों तक सीमित रही थी, जहां लगभग 6,500 हेक्टेयर क्षेत्र में आलू बोया गया और 150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक पैदावार दर्ज की गई। इसी कारण इस वर्ष खुदरा बाजार में आलू की कीमत 20 रुपये प्रति किलो पर स्थिर बनी हुई है।

अन्य फसलों पर भी सरकार का फोकस:

आलू के साथ-साथ सरकार अन्य फसलों की खेती को भी प्रोत्साहित कर रही है। विभाग ने इस बार

  1. 6,000 हेक्टेयर में 600 क्विंटल प्याज के बीज,
  2. 1,000 हेक्टेयर में 100 क्विंटल मिर्च के बीज, और
  3. 300 हेक्टेयर में 7,500 क्विंटल लहसुन की खेती का लक्ष्य तय किया है।

किसानों के लिए हेल्पलाइन जारी: कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि अगर उन्हें बीजों की आपूर्ति में कोई समस्या आती है, तो वे विभाग की हेल्पलाइन 155333 या नजदीकी उद्यानिकी अधिकारी से संपर्क करें।

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