भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा। पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब देते हुए भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक और योजनाबद्ध कार्रवाई को अंजाम दिया। सेना द्वारा किए गए इस मिसाइल अटैक में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के कुल 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। जानकारी के अनुसार, इस कार्रवाई में करीब 90 आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश के 4, लश्कर के 3 और हिजबुल के 2 बड़े अड्डे पूरी तरह ध्वस्त हो गए।
इस ऑपरेशन में ड्रोन सर्विलांस, एयर स्ट्राइक और मिसाइल हमलों की मदद से आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, सभी टारगेट्स को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया गया और किसी भी प्रकार की नागरिक क्षति नहीं हुई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जय हिन्द, भारत माता की जय!” वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि “भारत को अपनी सेना पर गर्व है।”
देशभर में इस साहसिक कार्रवाई की सराहना हो रही है। 'खेतिव्यापार' संस्था ने भी जवानों को नमन करते हुए कहा, "जय जवान, जय किसान!"
ऑपरेशन सिंदूर न सिर्फ सैन्य कार्रवाई का प्रतीक बना, बल्कि यह नारी शक्ति के नए युग की शुरुआत का संदेश भी देता है। भारतीय सेना की इस ऐतिहासिक प्रेस ब्रीफिंग में पहली बार दो महिला अधिकारी शामिल हुईं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका। उनके साथ विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी मीडिया को विस्तृत जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ब्रीफिंग में बताया कि यह कार्रवाई 25 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई है। उन्होंने कहा, “यह एक संतुलित और सटीक सैन्य प्रतिक्रिया है, जिसमें आतंकियों को न्याय के कठघरे में लाने का प्रयास किया गया है।”
उन्होंने इस हमले को “बर्बरता से भरा हुआ और कश्मीर की उभरती अर्थव्यवस्था पर सीधा हमला” बताया। साथ ही यह स्पष्ट किया कि इस आतंकी घटना के तार लश्कर-ए-तैयबा समर्थित द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़े पाए गए हैं।
सेना की यह प्रेस ब्रीफिंग नारी शक्ति के सम्मान और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति को दर्शाती है। कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका की मौजूदगी इस बात का प्रतीक है कि भारत की सैन्य रणनीति में महिलाएं अब निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।