उत्तर प्रदेश में आज से शुरू हुआ मृदा स्वास्थ्य कार्ड अभियान, जिसके तहत राज्य भर में मिट्टी की जांच की जायेगी। यह अभियान खरीफ सीजन के लिए निर्धारित 11.56 लाख मृदा नमूनों के लक्ष्य को पूरा करने हेतु चलाया जा रहा है। कृषि निदेशक डॉ. जितेंद्र कुमार तोमर के अनुसार, वर्ष 2025 तक प्रदेश की 16,520 ग्राम पंचायतों को इस योजना से पूरी तरह संतृप्त किया जाएगा।
डॉ. तोमर ने बताया कि चयनित ग्राम पंचायतों में से खरीफ सीजन के अंतर्गत 11,564 पंचायतों से 70% नमूने लिए जाएंगे, जबकि शेष 30% पंचायतों में रबी सीजन के दौरान नमूनाकरण किया जाएगा।
कृषि सखियों को पहली बार किया गया शामिल
इस अभियान की खास बात यह है कि पहली बार 50 जनपदों में 7684 प्रशिक्षित कृषि सखियों को नमूना संकलन कार्य में जोड़ा गया है। प्रत्येक कृषि सखी को प्रति नमूना ₹15 की दर से मानदेय दिया जाएगा। अब तक लगभग 3.60 लाख नमूनों का संकलन किया जा चुका है। परीक्षणों में यह पाया गया है कि अधिकांश मिट्टी में जीवांश कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, सल्फर, जिंक और आयरन की कमी पाई गई है।
वैज्ञानिकों की निगरानी में होगा कार्य
विशेष अभियान में वरिष्ठ नोडल अधिकारियों की निगरानी में क्षेत्रीय प्रसार कर्मी, प्रयोगशाला अधिकारी और कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक भी भाग लेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नमूनाकरण वैज्ञानिक विधियों से हो और उसकी रिपोर्ट समय पर किसानों को उपलब्ध कराई जा सके।
मुफ्त मिलेगा मृदा स्वास्थ्य कार्ड, पोर्टल पर उपलब्ध है जानकारी
डॉ. तोमर ने बताया कि किसानों को 12 मानकों पर आधारित निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाएंगे। इससे न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगी बल्कि उत्पादन में भी बढोतरी की जा सकेगी। मृदा नमूनों से संबंधित सभी जानकारियां राज्य सरकार के पोर्टल https://soilhealth.dac.gov.in पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
सभी पंचायतों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से जोड़ने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्ष 2023 में 4,850 ग्राम पंचायतों और 2024 में 8,260 पंचायतों में मुफ्त मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। वर्ष 2025 तक शेष ग्राम पंचायतों को भी इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।