मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग आपसी समन्वय से बहुउद्देश्यीय कृषि मेलों का आयोजन करें। इन मेलों के माध्यम से किसानों को उनकी फसलों के साथ-साथ सहायक उत्पादों के लाभकारी विपणन एवं विक्रय की जानकारी भी दी जाए।
एमपी सरकार द्वारा बताया गया कि जिले में निर्माणाधीन पीएम मित्रा पार्क प्रदेश के कपास और रेशम उत्पादक किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। यह पार्क न केवल 6 लाख से अधिक किसानों को को लाल पहुंचाएगा, बल्कि 1 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और 2 लाख को अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।
उन्होंने बताया कि देश-विदेश की प्रमुख कंपनियों ने पीएम मित्रा पार्क में निवेश के प्रति गहरी रुचि दिखाई है। निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है और यह सरकार को और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
पीएम मित्रा पार्क के निर्माण से मालवा अंचल में उत्पादित कपास की खपत स्थानीय स्तर पर ही हो सकेगी, जिससे कृषकों की आय में वृद्धि और स्थानीय रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। यह पार्क किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों का खुले दिल से स्वागत करेगी और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं व सहयोग प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी से ही देश का समग्र विकास संभव है, और पीएम मित्रा पार्क इसका उत्कृष्ट उदाहरण बनेगा।
देश का पहला और सबसे बड़ा पीएम मित्रा पार्क होगा धार में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि देश में कुल 7 पीएम मित्रा पार्कों की स्वीकृति दी गई है, लेकिन मध्यप्रदेश वह राज्य है, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में 17 सितंबर को देश का पहला और सबसे बड़ा पीएम मित्रा पार्क का भूमिपूजन करने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह पार्क कपास से धागा, धागे से कपड़ा, फिर रेडीमेड गारमेंट्स, होजियरी एवं ऑल वेदर वियरिंग्स तक की पूर्ण वैल्यू चेन को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराएगा, जिससे प्रदेश की कॉटन इंडस्ट्री को एक नई पहचान मिलेगी।
डॉ. यादव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भूमिपूजन से पहले ही पीएम मित्रा पार्क के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब तक 114 कंपनियों ने निवेश के लिए आवेदन किया है, जिनमें से 91 कंपनियों को 1294.19 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पार्क में आवश्यक अधोसंरचना निर्माण कार्य भी तीव्र गति से जारी हैं। इसके साथ ही, जिन कंपनियों को ज़मीन दी गई है, वे भी अपने उद्योगों की स्थापना का कार्य समानांतर रूप से प्रारंभ कर रही हैं। अनुमान है कि अगले एक से डेढ़ वर्षों में उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पीएम मित्रा पार्क का प्रचार-प्रसार इस प्रकार किया जाए कि इसके माध्यम से प्रदेश के अन्य कृषि आधारित उद्योगों को भी बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि यह पार्क न केवल कपास उद्योग, बल्कि संपूर्ण कृषि क्षेत्र के लिए एक मॉडल के रूप में उभरेगा।