महाराष्ट्र के पुणे जिले के शिरूर तालुका के गुनात गाँव के प्रगतिशील युवा किसान ने प्याज भंडारण में अपना अनोखा अनुभव साझा किया। उन्होंने बताया कि वे पिछले आठ वर्षों से प्याज भंडारण शेड में बाजरे की ठूंठ का उपयोग कर रहे हैं। इस पद्धति से प्याज को कम हवा मिलती है, जिससे अंकुरण नहीं होता। साथ ही, गर्म मौसम में यह शेड को ठंडा बनाए रखती है और प्याज लंबे समय तक सुरक्षित रहता है।
किसान ने बताया कि यदि प्याज का भंडारण टीन की चादरों से बने शेड में किया जाता है, तो वे प्याज के ऊपर गन्ने की पत्तियाँ या फूस बिछा देते हैं। इससे छत से आने वाली गर्मी प्याज तक नहीं पहुँचती और फसल सुरक्षित रहती है।
उन्होंने पुराने समय का उदाहरण देते हुए कहा कि जब टीन या सीमेंट स्लैब वाले घर आम नहीं थे, तब किसान झोपड़ियाँ स्थानीय पौधों और ठूंठों से बनाते थे। वे झोपड़ियाँ गर्मियों में ठंडी और सर्दियों में गर्म रहती थीं। ठीक उसी तरह यह पद्धति प्याज भंडारण में भी कारगर साबित हो रही है। शिरूर के पश्चिमी भाग में भी कई किसान इसी तरीके से प्याज को स्टोर कर उसकी शेल्फ लाइफ बढ़ा रहे हैं।
1. भंडारण स्थल का चयन:
2. कटाई और सुखाई:
3. शेड से मिलेगी सुरक्षा:
4. भंडारण विधि:
5. सावधानियाँ: