रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी जारी है। अब तक जिले के 85 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 11,740 किसानों से कुल 77,084 मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया जा चुका है। तहसीलवार उपार्जन की स्थिति में बहोरीबंद तहसील 18,982 मीट्रिक टन गेहूं के साथ सबसे आगे है, जहां 2,876 किसानों ने उपज बेची है।
ढीमरखेड़ा तहसील 17,440 मीट्रिक टन उपार्जन और 2,867 किसानों के साथ दूसरे स्थान पर है। विजयराघवगढ़ तहसील तीसरे स्थान पर है, जहां 1,679 किसानों से 12,102 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है। स्लीमनाबाद चौथे स्थान पर है, जहां 1,197 किसानों ने 8,916 मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की है। रीठी तहसील पांचवें स्थान पर है, जहां 1,116 किसानों से 6,727 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया। बरही छठवें स्थान पर है, जहां 800 किसानों ने 4,618 मीट्रिक टन गेहूं बेचा। कटनी ग्रामीण एवं कटनी नगर संयुक्त रूप से सातवें स्थान पर हैं, जहां 589 किसानों से 4,492 मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई। बड़वारा तहसील 3,808 मीट्रिक टन उपार्जन और 616 किसानों के साथ अंतिम स्थान पर है।
किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर राज्य शासन ने समर्थन मूल्य पर तुअर विक्रय के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि 15 मई 2025 तक बढ़ा दी है। इससे पहले यह अवधि 30 अप्रैल तक निर्धारित की गई थी। रबी विपणन वर्ष 2024-25 में तुअर का समर्थन मूल्य ₹7,550 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जबकि वर्तमान में जिले की मंडियों में तुअर का अधिकतम बाजार मूल्य ₹6,600 प्रति क्विंटल के आसपास मिल रहा है। ऐसे में समर्थन मूल्य पर तुअर बेचने से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा।
जिन किसानों ने रबी सीजन में तुअर की फसल ली है, उन्हें आग्रह किया गया है कि वे सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ नजदीकी पंजीयन केन्द्र पर जाकर 15 मई तक अपना पंजीयन अवश्य कराएं, ताकि उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।
5 प्रमुख राज्यों से आई सर्वाधिक खरीद: इस वर्ष पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश इन पांच प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों ने पिछले वर्ष की तुलना में अधिक गेहूं की खरीद की है।
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