देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूती देने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने बाजरा आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने और सूक्ष्म, लघु एवं वृहद खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सहयोग देने के लिए कई अहम पहल की हैं। इन प्रयासों से न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिल रही है, बल्कि ग्रामीण स्तर पर उद्यमिता और रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो रहे हैं।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय अपनी प्रमुख योजनाओं प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY), उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना खाद्य प्रसंस्करण (PLISFPI) और प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (PMFME) के माध्यम से बाजरा प्रसंस्करण इकाइयों सहित संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना और विस्तार को प्रोत्साहित कर रहा है।
PLISFPI योजना के अंतर्गत बाजरा आधारित उत्पादों (MBP) के लिए एक विशेष घटक शामिल किया गया है, जिसके लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना का उद्देश्य खाद्य उत्पादों में बाजरा के उपयोग को बढ़ाना और घरेलू व निर्यात बाजारों में चयनित बाजरा उत्पादों के विनिर्माण एवं बिक्री को बढ़ावा देकर उनका मूल्यवर्धन करना है।
अब तक, इस मद में आवंटित 800 करोड़ रुपये में से 793.27 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि 29 आवेदकों को स्वीकृत की जा चुकी है, जिनमें 8 बड़े उद्योग और 21 लघु व मध्यम उद्यम शामिल हैं।
PMFME योजना के तहत देश के 21 जिलों में बाजरा आधारित उत्पादों को ‘एक जिला एक उत्पाद (ODOP)’ के रूप में चिन्हित किया गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 के अवसर पर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 30 जिलों में ‘बाजरा महोत्सव’ आयोजित किए गए।
इन आयोजनों का उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों, विशेष रूप से बाजरा उत्पादों से जुड़े स्टार्टअप्स और लघु उद्यमों को प्रोत्साहित करना रहा। बाजरा आधारित उत्पादों के विनिर्माण से जुड़े 4,366 उद्यमियों को 226.40 करोड़ रुपये का ऋण भी स्वीकृत किया गया है।
PMKSY की घटक योजना ‘खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमताओं के सृजन/विस्तार’ के तहत देश में एक बाजरा आधारित खाद्य प्रसंस्करण इकाई को मंजूरी दी गई है। वहीं PMFME योजना के ब्रांडिंग और विपणन घटक के अंतर्गत एफपीओ, स्वयं सहायता समूह, सहकारी समितियों या विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) को सामान्य पैकेजिंग और ब्रांडिंग विकसित करने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि उत्पाद गुणवत्ता मानकों और खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए उपभोक्ता बाजार तक पहुंच सकें।
निर्यात में भी दिखा सकारात्मक असर: हालांकि मंत्रालय द्वारा बाजरा प्रसंस्करण के कारण किसानों की आय पर पड़ने वाले प्रभाव का कोई अलग अध्ययन नहीं किया गया है, लेकिन PLISFPI योजना के तहत अनुमोदित कृषि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2019-20 की तुलना में 2024-25 तक निर्यात 13.23 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है, जो इस योजना की प्रभावशीलता को दर्शाता है।