केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) फेज-2 के तहत जम्मू-कश्मीर में ₹100 करोड़ की लागत से एकीकृत एक्वा पार्क की स्थापना पर विचार कर रही है। यह पार्क शीत जल मत्स्य पालन के समग्र विकास के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा।
उन्होंने यह जानकारी SKUAST-K (कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) के शालीमार कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दी। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री श्री जाविद अहमद डार, पशुपालन सचिव श्रीमती अल्का उपाध्याय सहित केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी एवं कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से आए प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्री सिंह और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला ने संयुक्त रूप से जम्मू के सतवारी में 50,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले UHT मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन भी किया।
जम्मू-कश्मीर में दूध उत्पादन 2014-15 के 19.5 लाख टन से बढ़कर 2023-24 में 28.74 लाख टन हो गया है, जो कि 47 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्तमान में प्रतिव्यक्ति दूध उपलब्धता 413 ग्राम प्रतिदिन है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ट्राउट मछली उत्पादन में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020-21 में जहां उत्पादन 650 मीट्रिक टन था, वहीं 2023-24 में यह बढ़कर 2,380 मीट्रिक टन हो गया है। केंद्र सरकार द्वारा डेनमार्क से 13.4 लाख जेनेटिकली इंप्रूव्ड रेनबो और ब्राउन ट्राउट अंडों का आयात कर राज्य सरकार को उपलब्ध कराया गया, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हुई।
श्री सिंह ने कहा कि मत्स्य और पशुपालन क्षेत्र ग्रामीण आय और पोषण सुरक्षा के प्रमुख साधन बन सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा उत्तर-पूर्व और हिमालयी राज्यों के लिए PMMSY के तहत ₹852 करोड़ की राशि आवंटित की गई है, जिसमें से ₹300 करोड़ विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के लिए निर्धारित हैं।
उन्होंने बताया कि अनंतनाग जिले को ‘कोल्ड वॉटर फिशरीज क्लस्टर’ के रूप में मान्यता दी गई है, जिसमें कुलगाम और शोपियां को साझेदार जिलों के रूप में शामिल किया गया है। इसके माध्यम से संपूर्ण मूल्य श्रृंखला विकास और सतत आजीविका को प्रोत्साहन मिलेगा।
निजी निवेश और युवाओं की भागीदारी पर ज़ोर: केंद्र सरकार ₹120 करोड़ से अधिक के निजी निवेश को एफआईडीएफ के तहत समर्थन दे रही है। इसके अलावा, युवाओं को लघु और सूक्ष्म पशुपालन व मत्स्य व्यवसायों में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अंत में उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में कृषि आधारित समृद्धि और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का सपना साकार होगा।
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