कृषि क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं की भूमिका को अहम बताते हुए मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्थापित नेशनल को-ऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) किसानों की उपज के निर्यात को बढ़ावा देने और उन्हें अधिक लाभ दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वे भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश राज्य सहकारी संघ और मंडी बोर्ड ने मिलकर NCEL के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य के मसालों के निर्यात को संस्थागत रूप देना है।
मंत्री सारंग ने कहा कि इस समझौते से न केवल किसानों की उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित होगा, बल्कि प्रदेश में सहकारी आंदोलन को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की कुल 1,578 सहकारी समितियाँ NCEL की सदस्य बन चुकी हैं।
कृषक कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री ऐदल सिंह कंसाना ने कहा कि सहकारी क्षेत्र कृषि का अभिन्न हिस्सा है और मध्यप्रदेश इस दिशा में एक अग्रणी राज्य है। राज्य को ‘कृषि किसान अवॉर्ड’ सात बार प्राप्त हो चुका है, जो इसकी उपलब्धियों को दर्शाता है।
अपर मुख्य सचिव श्री अशोक वर्णवाल ने बताया कि इस समझौते के माध्यम से किसान अपनी उपज की आपूर्ति बाजार की मांग के अनुसार कर सकेंगे, जिससे उन्हें उपज के तुरंत बाद ही उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से धान, मसाले, धनिया, मिर्च, केले आदि का निर्यात पहले से हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार से सीधा जुड़ाव: NCEL के प्रबंध निदेशक श्री अनुपम कौशिक ने कहा कि इस पहल से किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से सीधे जोड़ा जाएगा, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, "हम 'सहकार से समृद्धि और निर्यात से प्रगति' के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार और उसके विभिन्न विभागों के सहयोग से हम किसानों को वैश्विक मंचों पर पहचान दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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