उत्तर प्रदेश में आगामी रबी सीजन में खेती का रकबा और उत्पादन दोनों बढ़ाने की तैयारी है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि इस बार 141 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने व्यापक इंतज़ाम किए हैं। इस रबी सत्र में किसानों को 10 लाख क्विंटल गेहूं का बीज अनुदान पर उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं, शीतकालीन गन्ने के साथ सहफसली खेती को बढ़ावा देने के लिए गन्ना उत्पादक किसानों को 7080 क्विंटल राई और सरसों तथा 12,500 क्विंटल मसूर के बीज निःशुल्क वितरित किए जाएंगे।
लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ई-लॉटरी प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे वास्तविक किसानों को ही लाभ मिल सके। इसके लिए किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि पीओएस मशीनों के जरिए बीज वितरण से पारदर्शिता और किसानों का विश्वास बढ़ा है। सरकार का लक्ष्य है कि अन्नदाताओं को समय पर पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण बीज मिले, जिससे उत्पादन बढ़े और प्रदेश ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ सके।
बैठक में उर्वरकों की उपलब्धता पर चर्चा करते हुए शाही ने बताया कि 2016 के खरीफ सीजन में 91.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलों की बुवाई हुई थी, जो 2024 में बढ़कर 105.93 करीब लाख हेक्टेयर हो गई। वहीं, 2015-16 में रबी, खरीफ और गन्ना मिलाकर कुल खेती 225.87 लाख हेक्टेयर थी, जो 2024-25 में बढ़कर करीब 274.22 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई।
खाद की पर्याप्त उपलब्धता:
कृषि मंत्री ने बताया कि वर्तमान में किसानों के लिए लगभग 6 लाख मीट्रिक टन यूरिया स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में दाम बढ़ने के बावजूद किसानों पर बोझ न पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार ने उर्वरकों पर भारी सब्सिडी दी है। उदाहरण के तौर पर यूरिया का वास्तविक मूल्य 2174 रुपये प्रति बोरी है, लेकिन किसानों को यह मात्र 266 रुपये में उपलब्ध कराया जा रहा है।
लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई:
शाही ने चेतावनी दी कि किसानों के हितों से जुड़ी योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी क्रम में श्रावस्ती के जिला कृषि अधिकारी अशोक प्रसाद मिश्र को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले सीतापुर के जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार सिंह और बलरामपुर के जिला कृषि अधिकारी प्रकाश चंद्र विश्वकर्मा को भी जिम्मेदारियों में लापरवाही के कारण निलंबन झेलना पड़ा था।
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