अगर आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं या चावल के टुडे मंडी भाव पर नज़र रखते हैं, तो 24 से 30 जुलाई 2025 की यह रिपोर्ट आपके लिए बेहद अहम है। बीते हफ्ते राज्य की प्रमुख अनाज मंडियों में चावल के लेटेस्ट मंडी प्राइस में हल्की मगर स्थिर तेजी देखने को मिली है — कहीं ₹20, तो कहीं ₹70 प्रति क्विंटल तक का उछाल दर्ज किया गया, जिससे किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिली है। भले ही ये उछाल बहुत बड़ा न हो, लेकिन यह इस बात का साफ संकेत है कि त्योहारी सीज़न और संभावित सरकारी खरीद के चलते बाजार अब करवट लेने को तैयार है। ऐसे में मंडी का रुख समझना और फसल बेचने की रणनीति तय करना जरूरी हो गया है। आइए जानें कि कहां कितना बढ़ा मंडी भाव, किस किस्म को मिला फायदा और क्या आने वाले दिनों में और तेजी की उम्मीद की जा सकती है पूरी मंडीवार रिपोर्ट और विश्लेषण के साथ।
मंडी का नाम | वैरायटी | 24-07-2025 | 30-07-2025 | कितनी तेजी हुई (₹) |
इलाहाबाद | Common | 3145 | 3170 | 25 |
बरेली | Common | 3430 | 3450 | 20 |
फैजाबाद | Coarse | 3130 | 3150 | 20 |
कासगंज | III | 3350 | 3380 | 30 |
अकबरपुर | Common | 3220 | 3250 | 30 |
अजुहा | Common | 2950 | 3020 | 70 |
नवाबगंज | III | 3050 | 3100 | 50 |
दोहरीघाट | 1009 Kar | 3945 | 3970 | 25 |
मंझनपुर | Common | 3015 | 3025 | 10 |
बीते एक हफ्ते में उत्तर प्रदेश की प्रमुख मंडियों में चावल के भावों में हल्की-फुल्की तेजी दर्ज की गई। हालांकि कोई बड़ा उछाल नहीं दिखा, लेकिन मंडियों में भाव धीरे-धीरे रेंगते हुए ऊपर की ओर बढ़े हैं, जो किसानों के लिए उम्मीद की किरण जैसा है।
अजुहा मंडी में सबसे ज्यादा उछाल देखा गया यहां चावल का भाव 2950 रुपये से बढ़कर 3020 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया, यानी ₹70 की अच्छी तेजी आई। इसी तरह, नवाबगंज मंडी में भी ₹50 का उछाल आया और नया भाव ₹3100 प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
कासगंज, अकबरपुर, इलाहाबाद, और फैज़ाबाद जैसे इलाकों में भी भाव में ₹20 से ₹30 तक की बढ़त देखी गई, जो यह बताती है कि बाजार में धीरे-धीरे मांग बढ़ रही है। वहीं बरेली, मंज़नपुर, और दोहरीघाट जैसी मंडियों में भाव लगभग स्थिर रहे, जहां सिर्फ ₹10 से ₹20 की मामूली चहलपहल दर्ज की गई।
अगर हम सबसे महंगे चावल की बात करें, तो दोहरीघाट मंडी सबसे ऊपर रही जहां 1009 Kar वैरायटी का चावल ₹3970 प्रति क्विंटल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह दर्शाता है कि खास किस्मों की मांग अब भी मजबूत बनी हुई है, और इनपर बाजार की नज़र टिकी हुई है।
कुल मिलाकर, इस हफ्ते की मंडी चाल यह संकेत देती है कि चावल के बाजार में तेजी की आहट तो है, लेकिन रफ्तार अभी धीमी है। किसान इसे एक सकारात्मक संकेत मान सकते हैं और आगे की रणनीति सोच-समझकर बना सकते हैं।
किसानों के लिए सलाह: फिलहाल चावल की कीमतें स्थिरता की ओर इशारा कर रही हैं। जिन किसानों के पास भंडारण की सुविधा है, वे थोड़ा और इंतजार कर सकते हैं, क्योंकि त्योहारी सीज़न और सरकारी खरीद की संभावनाएं आने वाले हफ्तों में भाव को और मज़बूती दे सकती हैं। वहीं जिन किसानों को तत्काल बिक्री करनी है, वे नज़दीकी मंडियों में तुलना कर बेहतर रेट पर बिक्री करें।
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