मध्यभारत कंसोर्टियम का वार्षिक सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि कृषि और किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) देश को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को संगठित किए बिना खेती का समग्र विकास संभव नहीं है, इसी उद्देश्य से प्रदेश में एफपीओ को लगातार सशक्त किया जा रहा है।
श्री शुक्ल भोपाल स्थित राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान में मध्यभारत कंसोर्टियम ऑफ फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के वार्षिक सम्मेलन एवं राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के 48 जिलों और छत्तीसगढ़ के एफपीओ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों के हित में शुरू की गई विभिन्न योजनाओं ने प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को नई दिशा प्रदान की है। प्रदेश में प्रस्तावित 10,000 नई एफपीओ परियोजनाएं कृषि को व्यवसाय के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इन एफपीओ के माध्यम से अब तक 7,000 से अधिक युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिला है, और आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है। किसानों की आय में वृद्धि और उन्हें बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार निरंतर सक्रिय रूप से प्रयासरत है।
500 किसानों को लाभ और 1,000 को मिलेगा प्रोत्साहन Benefits for 500 Farmers, Incentives for 1,000 More
कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एफपीओ और किसानों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 500 किसानों को टिकाऊ एवं जिम्मेदार खेती से प्राप्त लाभांश के रूप में प्रति किसान 1,000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। अगले चरण में 1,000 किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
रोजगार और कारोबार में नई उड़ान
मध्यभारत कंसोर्टियम के सीईओ श्री योगेश द्विवेदी ने बताया कि संगठन का वार्षिक कारोबार 250 करोड़ रूपये से अधिक है, और यह अगले तीन सालों में 500 करोड़ रूपये से ऊपर ले जाने का लक्ष्य है। इस पहल से अभी तक 7000 से अधिक युवाओं और महिलाओं को रोजगार मिला है।
कार्यक्रम में व्यापक सहभागिता
पूर्व मंत्री एवं बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी, कृषि विशेषज्ञ, किसान नेता और बड़ी संख्या में एफपीओ प्रतिनिधि मौजूद रहे।
ये भी पढ़ें- डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन: कृषि में डिजिटल क्रांति की ओर एक बड़ा कदम