मध्यप्रदेश में मानसून एक बार फिर तेज रफ्तार पकड़ता दिख रहा है। राज्य के कई जिलों में मौसम विभाग ने भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। गुरुवार को प्रदेश के पश्चिमी, मध्य और पूर्वी हिस्सों में अलग-अलग स्तर के बारिश अलर्ट जारी किए गए हैं, जिससे आगामी 24 घंटे अहम माने जा रहे हैं।
मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, नीमच, मंदसौर, धार, सीहोर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, सतना, मैहर, पन्ना, सिवनी और मंडला जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई गई है। वहीं, बालाघाट और अलीराजपुर में अति भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। राजधानी भोपाल समेत इंदौर में आज का मौसम, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी मध्यम स्तर की बारिश की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश के चलते प्रदेश में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को सीधी जिले में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो राज्य का सबसे ऊंचा तापमान रहा। वहीं, सबसे कम न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस पचमढ़ी (नर्मदापुरम) में रिकॉर्ड किया गया।
गौरतलब है कि इस वर्ष मानसून सामान्य से करीब आठ दिन पहले देश के दक्षिणी हिस्सों में पहुंच गया था। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में समय से पहले ही बारिश शुरू हो गई थी। हालांकि, मध्यप्रदेश में मानसून की आमद अपेक्षित समय से देरी से हुई और जून के पहले सप्ताह में इसके पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना जताई जा रही थी। अब जाकर राज्य में मानसूनी गतिविधियाँ तेज होती दिखाई दे रही हैं।
पश्चिमी भारत में भी वर्षा की संभावना: देश के अन्य हिस्सों की बात करें तो मौसम विभाग ने कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्र, गुजरात के कुछ भागों, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। अगले सात दिनों तक इन इलाकों में कई जगहों पर मध्यम से तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है।
एहतियात बरतने की सलाह: मौसम विभाग ने लोगों से बारिश के दौरान सावधानी बरतने की अपील की है, विशेष रूप से उन जिलों में जहाँ ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। किसान, यात्री और स्थानीय प्रशासन को मौसम की ताजा जानकारी पर नजर रखने और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी गई है।
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