जीएसटी परिषद ने किसानों और उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए कर में बड़ा बदलाव का निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता की हुई बैठक में 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब को समाप्त कर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय संरचना लागू करने का निर्णय लिया गया। यह व्यवस्था 22 सितंबर से लागू होगी।
| वस्तुएं | पहले | अब |
| हेयर आयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, टूथ ब्रश, शेविंग क्रीम | 18% | 5% |
| मक्खन, घी,, चीज एवं डेयरी उत्पाद | 12% | 5% |
| पैक्ड नमकीन, भुजिया व मिक्सचर बर्तन | 12% | 5% |
| बच्चों की फीडिंग बोतलें, नैपकिन और डायपर | 12% | 5% |
| सिलाई मशीन व पुजे। | 12% | 5% |
| वस्तुएं | पहले | अब |
| पेट्रोल/डीजल हाइब्रिड कार (1200CC & 4000mm तक) | 28% | 18% |
| डीजल/डीजल हाइब्रिड कार (1500CC – 4000mm तक) | 28% | 18% |
| तीन पहिया वाहन | 28% | 18% |
| मोटरसाईकिल (350 CC तक) | 28% | 18% |
| माल ढोने वाले वाहन | 28% | 18% |
| वस्तुएं | पहले | अब |
| ट्रैक्टर टायर व पुर्जे | 18% | 5% |
| ट्रैक्टर | 12% | 5% |
| जैव कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व | 12% | 5% |
| ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर | 12% | 5% |
| कृषि/बागवानी/वन संबंधी मशीनें (जुताई, बुवाई, कटाई आदि हेतु) | 12% | 5% |
| वस्तुएं | पहले | अब |
| व्यक्तिगत स्वास्थ्य व जीवन बीमा | 18% | 0% |
| थर्मामीटर | 12% | 5% |
| चिकित्सीय आक्सीजन | 12% | 5% |
| सभी डायग्नास्टिक किट | 12% | 5% |
| ग्लूकोमीटर व टेस्ट स्ट्रिप्स | 12% | 5% |
| चश्मा (स्पेक्टेकल्स) | 12% | 5% |
इलेक्ट्रानिक उपकरणों पर बचत:
| वस्तुएं | पहले | अब |
| एयर कंडीशनर | 28% | 18% |
| टेलीविजन (32 इंच से बडे, LED/LCD सहित) | 28% | 18% |
| मानिटर व प्रोजेक्टर | 28% | 18% |
| डिश वाशिंग मशीन | 28% | 18% |
किफायती होगी शिक्षा:
| वस्तुएं | पहले | अब |
| मनचित्र, चार्ट व ग्लोब | 12% | 0% |
| पेंसिल, शार्पनर, क्रेयान्स व पेस्टल | 12% | 0% |
| कापी व नोटबुक | 12% | 0% |
| रबर | 5% | 0% |
विलासिता और हानिकारक वस्तुओं पर सख्ती जहां आम उपभोक्ता और किसानों को राहत दी गई है, वहीं हानिकारक वस्तुओं पर भी कर बढ़ाया गया है। पान मसाला, तंबाकू, सिगरेट और बीड़ी पर 40% का टैक्स स्लैब लागू होगा।
राज्यों की सहमति और सरकार का लक्ष्य: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है और राज्यों के वित्त मंत्रियों ने भी इसका स्वागत किया। सरकार का उद्देश्य किसानों, श्रमिकों और आम नागरिकों तक सीधी राहत पहुंचाना है।
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