उर्वरक विभाग देशभर में किसानों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी निभा रहा है। प्रत्येक बुवाई मौसम से पहले कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं का आकलन करता है, जिसके आधार पर विभाग राज्यवार और कंपनीवार आपूर्ति की योजना तय करता है।
पिछले एक दशक में देश में उर्वरक उत्पादन और वैश्विक साझेदारी में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यूरिया उत्पादन 2013-14 के 227.15 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2024-25 में 306.67 लाख मीट्रिक टन हो गया है, जो 35% की वृद्धि दर्शाता है। डीएपी और एनपीके उर्वरकों का उत्पादन इसी अवधि में 110.09 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 158.78 लाख मीट्रिक टन पहुंचा है, यानी 44% की वृद्धि।
भारत सरकार ने कूटनीतिक प्रयासों और दीर्घकालिक समझौतों के जरिए किसानों को किसी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने दी। भारतीय उर्वरक कंपनियों के समूह ने मोरक्को के साथ 25 लाख मीट्रिक टन डीएपी और टीएसपी की आपूर्ति का समझौता किया। जुलाई 2025 में भारत और सऊदी अरब के बीच पाँच वर्षों के लिए प्रतिवर्ष 31 लाख मीट्रिक टन डीएपी आपूर्ति का समझौता हुआ।
वर्तमान खरीफ सीजन में उर्वरकों की उपलब्धता पर्याप्त रही है।
यूरिया की आवश्यकता 143 एलएमटी थी, जबकि उपलब्धता 183 एलएमटी और बिक्री 155 एलएमटी रही।
डीएपी में आवश्यकता 45 एलएमटी, उपलब्धता 49 एलएमटी और बिक्री 33 एलएमटी रही।
एनपीके उर्वरकों की आवश्यकता 58 एलएमटी, उपलब्धता 97 एलएमटी और बिक्री 64.5 एलएमटी रही।
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 20 अगस्त 2025 तक यूरिया की बिक्री में 13 एलएमटी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बावजूद किसी भी राज्य में कमी नहीं होने दी गई।
यूरिया और डीएपी पर सब्सिडी पैकेज:
किसानों को महंगे अंतरराष्ट्रीय दामों से बचाने के लिए सरकार भारी सब्सिडी दे रही है। यूरिया 45 किलो की बोरी मात्र ₹242 (करों को छोड़कर) पर उपलब्ध है। डीएपी किसानों को ₹1350 प्रति बोरी पर मिल रहा है। इसके लिए सरकार आयातित और घरेलू दोनों प्रकार के डीएपी पर विशेष पैकेज दे रही है।
निगरानी और सख्त कार्रवाई: उर्वरक विभाग लगातार राज्यों, बंदरगाह प्राधिकरणों, रेलवे मंत्रालय और कंपनियों से समन्वय कर आपूर्ति सुचारु बनाए हुए है। साथ ही काला बाजारी और जमाखोरी पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। अप्रैल 2025 से अब तक 1,99,581 निरीक्षण/छापे डाले गए हैं। 7,927 नोटिस जारी, 3,623 लाइसेंस रद्द/निलंबित और 311 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
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