नई दिल्ली में आयोजित भव्य ‘कर्मचारी संकल्प सम्मेलन’ में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन का हर दिन और हर क्षण अमूल्य है।
कृषि मंत्री ने कहा कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ खरीफ सीजन के लिए ऐतिहासिक पहल साबित हुआ। इसमें 2,170 वैज्ञानिकों की टीमें गाँव-गाँव जाकर किसानों से जुड़ीं और 500 से अधिक शोध विषय सामने आए। उन्होंने कहा कि देश में खाद्यान्न भंडार प्रचुर मात्रा में है, लेकिन दालों, तिलहन, कपास उत्पादन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में अभी चुनौतियाँ मौजूद हैं।
कृषि मंत्री ने बताया कि अप्रमाणित बायो-स्टिमुलेंट्स और नकली उर्वरकों, बीजों व कीटनाशकों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पहले जहाँ लगभग 30,000 उत्पाद बिक रहे थे, वहीं अब केवल 600 को आईसीएआर की तीन स्तरीय जांच के बाद प्रमाणित किया गया है।
‘कर्मयोगी संकल्प सम्मेलन’ कृषि मंत्री ने सुझाव दिया कि अगले वर्ष से इस कार्यक्रम को ‘कर्मयोगी संकल्प सम्मेलन’ नाम दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी और अधिकारी राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उसे सम्मान व गरिमा मिलनी चाहिए।
ग्रामीण विकास और ‘लखपति दीदी’ मिशन की उपलब्धि:
श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तय किए गए 3 करोड़ ‘लखपति दीदी’ बनाने के लक्ष्य की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। अब तक लगभग 2.8 करोड़ महिलाएँ लखपति दीदी बन चुकी हैं। कई महिलाएँ, जो कभी घर की चारदीवारी तक सीमित थीं, आज आत्मनिर्भर बनकर नई ऊँचाइयों तक पहुँच रही हैं।
ग्रामीण आवास और बुनियादी ढाँचे में तेजी:
उन्होंने कहा कि ग्रामीण आवास योजनाओं में रिकॉर्ड प्रगति हुई है, जहाँ मात्र 114 दिनों में घरों का निर्माण संभव हुआ है। ग्रामीण सड़कों और आवास विकास ने गाँवों के जीवन स्तर में बड़ा बदलाव लाया है।
‘राष्ट्र प्रथम’ का मंत्र और स्वदेशी का संकल्प: श्री चौहान ने प्रधानमंत्री के मंत्र ‘Nation First’ और ‘स्वदेशी अपनाओ’ का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग से न केवल रोजगार बढ़ेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना से कैसे बदल रही है मछुआरों की जिंदगी?