किसान भाइयों और देशवासियों, सावधान हो जाइए! भारत मौसम विभाग (IMD) ने एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। 29 जून से 5 जुलाई 2025 तक उत्तर-पश्चिम और पश्चिम भारत के कई हिस्सों में मूसलधार बारिश की संभावना जताई गई है। खासकर उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश का दौर चल सकता है।
यह सप्ताह खेती-किसानी से लेकर आम जनजीवन तक सब पर असर डालने वाला साबित हो सकता है। खेतों में पानी भरने का खतरा है, वहीं पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और सड़क अवरोध की आशंका भी बनी हुई है। अगर आप किसान हैं या सफर की योजना बना रहे हैं, तो यह रिपोर्ट आपके लिए बेहद जरूरी है। आगे जानिए किन-किन इलाकों में कब-कब होगी बारिश और आपको किन बातों का ध्यान रखना है ताकि आप रहें पूरी तरह सतर्क और तैयार।
29 जून से 3 जुलाई तक उत्तराखंड में बहुत भारी बारिश का अनुमान है, वहीं हिमाचल प्रदेश में 29 और 30 जून को तेज वर्षा हो सकती है। इन क्षेत्रों में भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बन सकती है, इसलिए पहाड़ी इलाकों में सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में 29 जून से 2 जुलाई तक भारी वर्षा हो सकती है, जबकि पूर्वी हिस्से में 30 जून और 1 जुलाई को बारिश का प्रभाव रहेगा। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी 29 से 3 जुलाई तक बारिश की संभावना है, जिसमें 29 और 30 जून को बहुत भारी बारिश हो सकती है।
पूर्वी राजस्थान में मानसून 2 जुलाई से सक्रिय रहेगा, और 4 व 5 जुलाई को यहां भी भारी वर्षा की संभावना है। यह किसानों के लिए खरीफ फसलों की बुआई के लिहाज से अनुकूल स्थिति हो सकती है, लेकिन अधिक पानी से फसलों को नुकसान भी पहुंच सकता है।
पश्चिम भारत में भी तेज बारिश का अनुमान: पश्चिम भारत के कोंकण, गोवा, गुजरात और मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में अगले 7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। मराठवाड़ा क्षेत्र में भी 29 और 30 जून को अच्छी बारिश की संभावना है। इन इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है और सड़क परिवहन प्रभावित हो सकता है।
किसानों और आम नागरिकों के लिए सुझाव: किसानों को सलाह दी जाती है कि खेतों में जलनिकासी की उचित व्यवस्था करें, खासकर उन फसलों के लिए जो अत्यधिक पानी सहन नहीं कर पातीं। धान की रोपाई करने वाले किसान बारिश का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन अधिक पानी की स्थिति में पौधों को नुकसान से बचाएं। वहीं, आम नागरिकों को यात्रा की योजना बनाने से पहले मौसम की जानकारी लेनी चाहिए, विशेषकर पहाड़ी और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में जाने से बचें।
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