राज्य में कृषि क्षेत्र तेजी से प्रगति कर रहा है। राज्य के कृषि निदेशक डॉ. पंकज कुमार त्रिपाठी के अनुसार, वर्ष 2001-02 से 2016-17 के बीच प्रमुख फसलों की उत्पादकता में औसतन 8.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जबकि 2016-17 से 2024-25 के बीच यह वृद्धि बढ़कर 42.8% तक पहुंच गई। यह उत्तर प्रदेश में कृषि सुधार, तकनीकी प्रगति और बेहतर प्रबंधन का स्पष्ट प्रमाण है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों ने प्रदेश में कृषि विकास को नई दिशा दी है। एमएसपी का लाभ मिलने से किसानों ने धान, गेहूं और श्रीअन्न जैसी फसलों की अधिक मात्रा में बिक्री सरकारी क्रय केंद्रों के माध्यम से की है। किसानों के प्रयास और सरकार की पहल से प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में लगातार अपनी अग्रणी स्थिति मजबूत कर रहा है।
कृषि विभाग के अनुसार, धान खरीद सत्र 2025-26 के लिए अब तक 5,73,633 किसानों ने पंजीकरण कराया है। राज्य के 4,227 क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीद जारी है। इनमें से 1,51,077 किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद पूरी हो चुकी है।
योगी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल खरीद के साथ किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कर रही है। इससे न केवल किसानों की आय बढ़ी है, बल्कि कृषि क्षेत्र का राष्ट्रीय उत्पादन में योगदान भी बढ़ा है। गेहूं और चावल समेत प्रमुख फसलों की उत्पादकता में उत्तर प्रदेश लगातार अग्रणी बना हुआ है।
कृषि निदेशक ने बताया कि खरीफ और रबी सीजन 2025-26 में सरकार ने पूर्व की तुलना में अधिक प्रमाणिक बीजों का वितरण कराया है। मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत श्रीअन्न को बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही किसानों को श्रीअन्न के मिनीकिट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विभिन्न योजनाओं के तहत आधुनिक कृषि यंत्रों का भी व्यापक वितरण किया जा रहा है।
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