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किसानों के लिए खुशखबरी: मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट से बढ़ेगी आय, मिलेगा आधुनिक समर्थन

मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट
मिलेट्स प्रोसेसिंग प्लांट

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र को एक और बड़ा तोहफ़ा देते हुए यहाँ अत्याधुनिक मिलेट्स (श्री अन्न) प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की तैयारी तेज़ कर दी है। बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार डॉ. एन. के. बाजपेयी ने बताया कि इन प्रोसेसिंग, पैकेजिंग व विपणन केंद्रों का उद्देश्य श्री अन्न की खेती को बढ़ावा देना, प्रसंस्करण को मजबूत बनाना और किसानों के तैयार उत्पादों को बाज़ार तक पहुँचाने में मदद करना है।

6 जिलों में निर्माण कार्य पूरा, मशीन इंस्टालेशन जल्द शुरू:

उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत बुंदेलखंड के झांसी, बांदा, ललितपुर, महोबा, जालौन और हमीरपुर जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से मिलेट्स प्रसंस्करण और पैकेजिंग सह विपणन केंद्रों का निर्माण फरवरी में पूरा कर लिया गया है। अब इन प्लांटों में मशीनों की खरीद और इंस्टालेशन का काम शुरू होने वाला है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अगले वर्ष से सभी प्रोसेसिंग प्लांट पूरी तरह कार्यरत हो जाएंगे, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। योगी सरकार ने प्रत्येक केंद्र के निर्माण एवं उपकरण खरीद के लिए 95 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।

श्री अन्न की खेती को मिलेगा बड़ा प्रोत्साहन:

डॉ. बाजपेयी ने बताया कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में प्रोसेसिंग प्लांट के भवन तैयार कर लिए गए हैं और जल्द ही इनमें अत्याधुनिक मशीनें स्थापित की जाएँगी।

केंद्रों के शुरू होने के बाद:

  1. श्री अन्न (मोटे अनाज) की खेती को व्यापक बढ़ावा मिलेगा
  2. किसानों को बेहतर बीज उपलब्ध कराए जाएंगे
  3. तैयार फसल की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग स्थानीय स्तर पर की जाएगी
  4. बाजार तक पहुँच आसान होगी, जिससे आय में वृद्धि होगी

मोटे अनाज की पैकेजिंग से बढ़ेगा किसानों का मुनाफ़ा:

इन केंद्रों के माध्यम से बाजरा, ज्वार, कंगनी, सांवा, कोदो, रागी जैसे मोटे अनाजों की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग आधुनिक तकनीक से की जाएगी। बुंदेलखंड की जलवायु मोटे अनाजों के अनुकूल है, ऐसे में किसानों को इसके लिए उच्च गुणवत्ता के बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

नए साल से प्लांट संचालन की तैयारी तेज़: डॉ. एन. के. बाजपेयी ने बताया कि सभी छह जिलों में भवन निर्माण पूरा हो चुका है। अब मशीनरी की खरीद और स्थापना का काम तेजी से होगा। अनुमान है कि अगले वर्ष की शुरुआत से किसानों को बीज वितरण और तैयार फसल की प्रोसेसिंग का काम इन केंद्रों में शुरू हो जाएगा।

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