देश के विभिन्न हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक तेज़ बारिश और गरज-चमक के साथ मौसम सक्रिय रहने की संभावना जताई गई है। विशेष रूप से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों में 7 दिनों तक वर्षा की गतिविधियाँ बनी रह सकती हैं।
जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 21 से 23 जुलाई तक तेज़ से बहुत तेज़ बारिश की संभावना है। इन पहाड़ी राज्यों में कहीं-कहीं अतिभारी वर्षा की स्थिति भी बन सकती है। पंजाब और हरियाणा में भी 21 और 22 जुलाई को भारी बारिश का अनुमान है, जबकि जम्मू-कश्मीर और पंजाब में 24 जुलाई तक वर्षा का दौर जारी रह सकता है।
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों में 21 जुलाई को और पूर्वी हिस्सों में 26 व 27 जुलाई को बारिश तेज़ हो सकती है। इसी तरह, पूर्वी राजस्थान में 22, 26 और 27 जुलाई को भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
21 जुलाई को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक के तटीय इलाके, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बिहार सहित कई दक्षिण और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भी गरज-चमक और तेज़ बौछारें पड़ सकती हैं।
बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की आशंका जताई गई है। वहीं गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भी गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।
किसानों और यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह: मौसम विभाग ने यात्रियों, किसानों और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वालों को सलाह दी है कि वे मौसम की ताज़ा जानकारी पर नज़र रखें और जोखिम भरे इलाकों में जाने से बचें। बिजली गिरने की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर शरण लें और पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
आने वाले कुछ दिन देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून के प्रभाव से भीगे रहने वाले हैं। बारिश जहां एक ओर राहत देगी, वहीं कुछ स्थानों पर जलभराव और भूस्खलन जैसी आपदाएं भी संभावित हैं। अतः सतर्क रहें और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें।
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