देश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार दो प्रमुख योजनाओं परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) और मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्टर्न रीजन (MOVCDNER) को कार्यान्वित कर रही है। वर्ष 2015-16 से ये योजनाएँ क्रमशः देश के सभी राज्यों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक कृषि को सशक्त बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं।
दोनों योजनाएँ किसानों को उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण, प्रमाणन और विपणन तक सम्पूर्ण सहायता प्रदान करती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता देते हुए जैविक क्लस्टर विकसित करना और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना है।
PKVY के तहत 500 किसानों का एक समूह, 500–1000 हेक्टेयर क्षेत्र में क्लस्टर मोड में खेती करता है। ये क्लस्टर रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के उपयोग में कमी लाते हुए, सुरक्षित एवं रसायन-मुक्त खाद्यान्न उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं। MOVCDNER के तहत अब तक 479 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) बनाए जा चुके हैं, जिनमें प्रत्येक में औसतन 500 किसान शामिल हैं। 31 अक्टूबर 2025 तक PKVY के अंतर्गत 16.90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र, MOVCDNER के अंतर्गत 2.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र जैविक खेती के दायरे में आ चुका है।
पिछले तीन वर्षों और चालू वर्ष के जैविक उर्वरक उत्पादन का राज्यवार ब्यौरा अनुबंध-I में संलग्न है, जिसमें देशभर में जैविक उर्वरकों के उत्पादन और उपयोग की प्रगति दर्शाई गई है। किसानों को वित्तीय सहायता: PKVY में 31,500 रुपये, MOVCDNER में 46,500 रुपये प्रति हेक्टेयर
PKVY के तहत 3 वर्षों में 31,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, इसमें से किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर जैविक कृषि/गैर-कृषि आदानों के लिए दिए जाते हैं।
MOVCDNER के तहत 3 वर्षों में 46,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, इसमें से 32,500 रुपये प्रति हेक्टेयर किसानों को जैविक इनपुट्स के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसमें 15,000 रुपये DBT शामिल हैं।
PM-PRANAM (PM Programme for Restoration, Awareness Generation, Nourishment and Amelioration of Mother Earth) के तहत राज्यों को सलाह दी गई है कि रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग को कम करें, एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन (INM) अपनाएँ, तथा PKVY और MOVCDNER जैसी योजनाओं के माध्यम से प्राकृतिक एवं जैविक कृषि को बढ़ावा दें।
उत्तर प्रदेश में दो जिलों में मॉडल क्लस्टर विकसित: PKVY योजना के प्रदर्शन मोड के अंतर्गत इटावा जिले में 20 क्लस्टर 400 हेक्टेयर क्षेत्र, 673 किसान लाभान्वित, फतेहपुर जिले में 20 क्लस्टर 400 हेक्टेयर क्षेत्र, 889 किसान लाभान्वित। ये क्लस्टर मॉडल जैविक खेती के सफल उदाहरण बन रहे हैं और अन्य जिलों के किसानों को प्रेरित कर रहे हैं।