देश के कई हिस्सों में मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है और आने वाले दिनों में भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक सहित कई राज्यों में आगामी दिनों में भारी बारिश हो सकती है। इससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका है।
18 जुलाई को राजस्थान के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी वर्षा (21 सेंटीमीटर या उससे अधिक) होने की संभावना है। दक्षिणी राजस्थान के बूँदी, झालावाड़, टोंक, कोटा और भीलवाड़ा जिलों में अगले 24 घंटे में मध्यम से उच्च स्तर के फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) का खतरा बताया गया है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 18 जुलाई से 23 जुलाई तक भारी वर्षा का अनुमान है। खासकर उत्तराखंड में 20 से 23 जुलाई के बीच बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे भूस्खलन और सड़कें बंद होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के झांसी, जालौन, महोबा और ललितपुर जिलों में भी फ्लैश फ्लड का जोखिम बना हुआ है।
मध्य प्रदेश (पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों) के कई जिलों – जैसे ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, अशोकनगर, विदिशा, नीमच और मंदसौर – में अगले 24 घंटे के दौरान जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
वज्रपात और तेज़ हवाओं का अलर्ट: बिहार, ओडिशा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश और झारखंड सहित कई राज्यों में गरज-चमक के साथ तेज़ हवाएं (30 से 50 किमी/घंटा) चलने की संभावना जताई गई है। किसानों और यात्रियों को सतर्क रहने और मौसम संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत में भी सक्रिय मानसून: दक्षिण भारत के केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी मानसून सक्रिय है। केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में 18 से 20 जुलाई के दौरान भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में भी बारिश का असर दिखेगा। अगले कुछ दिन देश के कई हिस्सों में मौसम के लिहाज से चुनौतीपूर्ण रह सकते हैं। खासतौर पर राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में सतर्कता बरतने की ज़रूरत है।
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