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मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश ने पकड़ी रफ्तार, कई डैम ओवरफ्लो, भारी बारिश का अलर्ट जारी

मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में मानसून
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में मानसून

मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से डैमों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है, कई जगह गेट खोलने की नौबत आ गई है। मौसम विभाग ने दोनों राज्यों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।

मध्यप्रदेश: डैमों में जलस्तर बढ़ा, गेट खोलने की नौबत MP Water level in dams increased, gates had to be opened:

मध्यप्रदेश में पिछले एक महीने से जारी तेज बारिश के चलते जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। राज्य के प्रमुख डैम जैसे जोहिला, बरगी, बाणसागर, सतपुड़ा और ओंकारेश्वर सहित कुल 54 जलाशयों में सामान्य से अधिक पानी भर चुका है। इनमें से कई डैम अपनी अधिकतम क्षमता तक पहुंच चुके हैं, जिससे गेट खोलने की नौबत आ गई है। भोपाल का बड़ा तालाब भी लगातार भरता जा रहा है। अगर इसमें साढ़े 6 फीट पानी और भर जाता है, तो तालाब ओवरफ्लो हो जाएगा और भदभदा डैम के गेट खोलने पड़ सकते हैं। लगातार हो रही बारिश से शहरों और गांवों के आसपास की नदियों और तालाबों का जलस्तर भी बढ़ा है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है। मौसम विभाग ने पश्चिम और पूर्वी मध्यप्रदेश में 17 और 18 जुलाई को भारी बारिश की संभावना जताई है।

उत्तर प्रदेश: अगले कुछ दिनों तक झमाझम बारिश की संभावना UP: Heavy rain likely for next few days:

उत्तर प्रदेश में भी मानसून ने दोबारा जोर पकड़ लिया है। बुधवार को राजधानी लखनऊ, सीतापुर और चंदौली सहित कई जिलों में जोरदार बारिश हुई। मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि गुरुवार को भी राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश कृषि क्षेत्र के लिए फायदेमंद तो है, लेकिन शहरों में जलभराव और ट्रैफिक बाधा जैसी समस्याएं भी बढ़ा सकती हैं। 22 जुलाई तक राज्य में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद है, ऐसे में नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

सावधानी और सतर्कता की जरूरत: 

दोनों राज्यों में भारी वर्षा के चलते प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। डैमों के गेट खोलने से पहले संबंधित इलाकों को सूचित किया जा रहा है, ताकि जान-माल की हानि न हो। किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे खेतों में जलभराव से बचाव के उपाय करें और मौसम अपडेट पर नजर रखें।

निष्कर्ष: मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में सक्रिय मानसून के चलते जहां जलाशय भरने से जल संकट की चिंता कम हुई है, वहीं इससे संभावित बाढ़ और जलभराव की स्थिति पर भी ध्यान देना जरूरी है। प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है और लोगों को आवश्यक एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।

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