मध्यप्रदेश सरकार ने सोमवार को खजुराहो स्थित कन्वेंशन सेंटर में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर पात्र हितग्राही तक खाद्यान्न वितरण का लाभ समय पर और सुगमता से पहुंचे, क्योंकि गरीब, श्रमिक, किसान और महिलाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। बैठक में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, उपार्जन प्रक्रिया, तकनीकी नवाचार, सिंहस्थ 2028 की तैयारियों सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर समीक्षा की गई।
खाद्य संचालनालय द्वारा अभियान मोड में किए गए सत्यापन के बाद 34 लाख से अधिक अपात्र हितग्राहियों को पोर्टल से हटाया गया, जबकि लगभग 14 लाख नए पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी कर निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित और प्रवासी श्रमिकों के लिए 29वीं प्राथमिकता श्रेणी बनाई गई है। इसके तहत 7.25 लाख परिवारों के 25.18 लाख नए श्रमिकों को पात्रता पर्ची के माध्यम से निःशुल्क राशन दिया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 5.25 करोड़ से अधिक हितग्राहियों को 66.37 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न 19,935 करोड़ रुपये मूल्य का निःशुल्क वितरण किया गया। प्रदेश में पीडीएस प्रदाय केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत शामिल 536.23 लाख पात्र हितग्राहियों में से 93% (497.08 लाख) का ई-केवाईसी पूरा किया जा चुका है। साथ ही 14 लाख नए हितग्राहियों को पात्रता पर्चियां जारी कर निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
सरकार ने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए बड़े निर्णय लिए हैं। रबी वर्ष 2024-25 और 2025-26 में गेहूं बेचने वाले किसानों को 29,558.40 करोड़ रुपये की एमएसपी राशि और 1,965 करोड़ रुपये बोनस दिया गया। खरीफ वर्ष 2023-24 और 2024-25 में धान बेचने वाले किसानों को 19,208.76 करोड़ रुपये की एमएसपी और 337.11 करोड़ रुपये प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया। साथ ही 2024-25 में 9.64 लाख मीट्रिक टन चावल का रिकॉर्ड परिदान कर चावल उत्पादक किसानों को लाभान्वित किया गया। भंडारण क्षमता भी बढ़ाई गई है।
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना में शामिल और उज्ज्वला योजना कनेक्शनधारी महिलाओं को 2 वर्षों में 616.97 लाख रिफिल दिए गए, जिन पर 911.32 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया।
तकनीक से मजबूत हुई मॉनिटरिंग: मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के वाहनों में GPS मॉनिटरिंग शुरू की गई। वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स निगरानी के लिए Moisture App, Fumigation App और Inspection App विकसित किए गए हैं।
उचित मूल्य दुकानों पर लगेंगी आधुनिक POS मशीनें: अगले तीन वर्षों की कार्ययोजना में POS मशीनों को तौल कांटे और आईरिस स्कैनर के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा। स्मार्ट पीडीएस योजना लागू की जाएगी। शासकीय गोदामों की छतों पर सोलर पैनल, भंडारण व्यवस्था का आधुनिकीकरण और डेटा सिंक्रोनाइजेशन किया जाएगा।